पटना : बिहार के जिला अधिकारी की आत्महत्या की खबर सुनने के बाद बिहार के साथ साथ पूरे देश के बीच यह सुसाइड की खबर एक पहेली बनी हुई है। जहां जहां उन्होंने अब तक अपना योगदान दिया उनकी छवी बेदाग और कड़क मिजाज की थी। ऐसे मे उनका सुसाइड करना किसी के गले से नहीं उतर रहा है। सभी यही सोच कर परेशान हो रहे हैं कि आखिरकार ऐसी क्या मजबूरी होगी जिसने एक पढ़े-लिखे और ईमानदार जिला अधिकारी को सुसाइड करने पर मजबूर कर दिया है।
आपको बताते चलें कि बिहार के बक्सर जिले का कमान संभालने वाले जिला अधिकारी मुकेश पांडे ने गुरुवार को दिल्ली के गाजियाबाद में ट्रेन के नीचे कटकर आत्महत्या कर ली। जिला अधिकारी की असमय मृत्यु की सूचना जैसे ही लोगों के बीच पहुंची नौकरशाह से लेकर आम जनता तक सभी को झकझोर कर रख दिया तथा सभी यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिरकार एक जिला अधिकारी के सामने वह कौन सी समस्या थी जिसने उसे मौत को गले लगाने पर मजबूर कर दिया।
जानिए क्या है DM मुकेश पांडे की कहानी…
बिहार के सारण जिले के रहने वाले मुकेश पांडे की परवरिश गरीबी में हुई थी। गरीबी जीवन व्यतीत करने वाले मुकेश पांडे गुवाहाटी में रह कर पढ़ाई लिखाई कर रहे थे क्योंकि उनके पिता गुवाहाटी में नौकरी करते थे। उनके पिता सुधाकर पांडे और माता गीता पांडे फिलहाल बिहार के छपरा जिले में रहते हैं। जहां
उनकी पहचान समाज सेवा और सभ्य लोगों के रुप में की जाती है।
गुवाहाटी में मां बाप के साथ रह कर पढ़ाई कर रहे मुकेश पांडे ने गुवाहाटी फैकल्टी हायर सेकेण्डरी स्कूल से दसवीं की परीक्षा पास की थी । फिर आगे की पढ़ाई के लिए गुवाहाटी के ही मारिया पब्लिक स्कूल मे नामांकन करवाया जहां से पास होने के बाद कॉटन कॉलेज मे नामांकन करवाया और बीए ऑनर्स की पढ़ाई पूरी की थी।
बिना कोचिंग किऐ निकाला था UPSC…
गुवाहाटी से ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने दिल्ली में रह कर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की जहां उन्होंने आल्टरनेटिव लर्निंग सिस्टम कोचिंग सेंटर में प्रवेश लिया । तैयारी करने के बाद पहली बार में वह यूपीएससी की परीक्षा मे कामयाब नहीं हुए लेकिन दूसरी बार बिना किसी कोचिंग में पढ़ाई किए हुए ही UPSC निकाला। जिसमें उन्हें ऑल इंडिया मे 14 वे रैंक मिले। गरीबी की जीवन व्यतीत कर इंडिया में 14 में रैंक पाने वाले मुकेश पांडे की सफलता पूरे देश में चर्चित था।
जिंदगी से तंग होकर जा रहे हैं आत्महत्या करने… फिर बेचैन हो उठे परिजन….
आपको बताते चलें की जिलाधिकारी मुकेश पांडे ने आत्महत्या करने से पहले अपने घरवालों को एक संदेश भेजा था जिसने आत्महत्या करने की बात कही थी। जिस संदेश में उन्होंने कहा था कि जिन्दगी से तंग आने और अच्छाई से भरोसा खत्म हो गया है हम दिल्ली में आत्महत्या करने जा रहे हैं। जैसे ही जिला अधिकारी के द्वारा इस तरह की बात कही गई उनके परिजन परेशान हो गए और पुलिस अधिकारियों से संपर्क साधा। फिर बिहार पुलिस अधिकारियों की मदद से दिल्ली पुलिस को सूचना दी गई तथा मदद करने की गुहार लगाई गई। जिसके बाद दिल्ली पुलिस
DM की तलाश में जनकपुरी पहुंची लेकिन वहां पर आत्महत्या की कोई भी जानकारी नहीं मिला। फिर दिल्ली पुलिस ने सभी को अलर्ट कर दिया। इतने में ही उन्हें सूचना मिली कि गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर एक व्यक्ति ने ट्रेन से कटकर जान दे दी है। जैसे ही दिल्ली पुलिस उस व्यक्ति को देखने के लिए वहां पहुंची उनका दिमाग़ चकरा गया। वह कटी हुई लाश जिला अधिकारी मुकेश पांडे की थी।
WhatsApp मैसेज से शुरू हुआ मामले की जांच…
दिल्ली पुलिस ने मुकेश पांडे द्वारा भेजे गए संदेश के आधार पर मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी। अपने घर वाले को दिए संदेश में उन्होंने कहा था कि
मैं अपना सुसाइड नोट दिल्ली के होटल लीला पैलेस के रूम नंबर 742 में छोड़ दूंगा। दिल्ली पुलिस संदेशे के आधार पर लीला पैलेस पहुंची और कमरे से सुसाइड नोट बरामद किया।
मामले की जानकारी देते हुए बिहार के डीजीपी डीके ठाकुर ने बताया कि अधिकारी के द्वारा लिखे गए सुसाइड नोट में मौत के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है। सुसाइड नोट मे 3 मोबाइल नंबर मिले हैं जिसमें लिखा गया है कि मेरी मौत के बाद इन नंबरों पर जानकारी दे दिया जाए। फिलहाल पुलिस मामले को सुसाइड मान कर जांच पड़ताल करते हुऐ कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
पहली बार बने थे जिला अधिकारी…..
2012 बैच के आईएएस ऑफिसर मुकेश पहली बार 3 अगस्त को बक्सर जिले के जिला अधिकारी बनाए गए थे । इससे पहले कटिहार के डीडीसी पद पर तैनात थे। बक्सर में बतौर जिला अधिकारी के पद पर जॉइन करने के बाद गुरुवार की सुबह अपने संबंधित अधिकारियों से रिश्तेदार की तबीयत खराब होने की बात बताते हुए दिल्ली चले गए। ऐसा कहा जा रहा है कि दिल्ली में ही किसी बात को लेकर उनकी पत्नी और ससुर से कहासुनी हुई थी तथा उनके सुसाइड नोट में दर्ज नंबर सास और ससुर के हैं।
अपने वैवाहिक जीवन से खुश नहीं थे जिला अधिकारी मुकेश पांडे…
गरीबी जीवन व्यतीत कर इतिहास रचने वाले मुकेश पांडे की शादी राजधानी पटना के बहुत बड़े कारोबारी की बेटी से हुई थी। ऐसा कहा जा रहा था कि शादी के बाद दोनों की जोड़ी मेल नहीं खाती थी और हमेशा किसी बात को लेकर विवाद होता रहा था। उनकी शादी 18 नवंबर 2013 को बाढ के रहने वाले राकेश कुमार सिंह की बेटी से हुई थी। यह शादी शाही अंदाज में राजधानी पटना के मौर्या होटल में किया गया था। शादी के बाद अमीरी गरीबी के माहौल में रहने वाले दोनों पति पत्नी के बीच हमेशा किसी न किसी बात को लेकर विवाद बना रहता था। महज कुछ ही महीनों में इन दोनों के रिश्ते में खटास आ गई । रिश्ते में खटास आने का कारण बेमेल जोड़ी शादी बताई जा रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि जहां लड़की का हाईफ़ाइ होना तो लड़के का मध्यम वर्गीय संस्कार और सोच दोनों के बीच विवाद उत्पन्न करता था। इन दोनों को करीब से जानने वाले लोगों का कहना है कि शादी के बाद दोनों ज्यादा दिन तक एक साथ नहीं रहे।