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TRAI ने कहा आजाद हो इंटरनेट, नेट सुविधा देने में नहीं हो ‘भेदभाव’

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नई दिल्ली : भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने मंगलवार को इंटरनेट सुविधाओं के मार्ग में आपरेटरों की तरफ से किसी तरह के भेदभाव पर रोक लगाने की सिफारिश की है। ट्राई ने ऐसे इंटरनेट सेवा प्रदाताओं की गतिविधियों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है, जो मुनाफे के लिए इंटननेट इस्तेमाल में रुकावट अथवा स्पीड में कमी-बेशी कर वेबसाइटों तक आम उपभोक्ता की पहुंच को सीमित बनाने का प्रयास करते हैं।

टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने मंगलवार को नेट न्यूट्रलिटी यानी नेट निरपेक्षता के पक्ष में अपनी राय दी। ट्राई ने कहा कि सभी उपभोक्ताओं के लिए इंटरनेट पर मौजूद सारा डाटा बिना किसी भेदभाव के उपलब्ध होना चाहिए। यह फैसला अमेरिका में संचार सेवाओं को नियंत्रित करने वाली संस्था इंटरनेट फेडरल कम्युनिकेशंस कमीशन (एफसीसी) द्वारा नेट न्यूट्रलिटी को खत्म करने के फैसले के बाद आया है।

ट्राई की ये सिफारिशें तब आई हैं जबकि अमेरिकी संघीय संचार आयोग के चेयरमैन अजित पई ने 2015 के उन नियमों को समाप्त करने का प्रस्ताव किया है जिसके तहत आईपीएस को सभी सामग्रियों के साथ समान व्यवहार करना होता है। ट्राई की इन सिफारिशों से दूरसंचार आपरेटर इंटरनेट पर सेवाओं के लिए भेदभावपूर्ण रवैया नहीं अपना पाएंगे, चाहे यह नेट की रफ्तार कम करने के बारे में हो या आनलाइन वीडियो देखने को लेकर हो।

इसके अलावा नियामक ने कंपनियों के लाइसेटिंग नियमों में भी बदलाव का पक्ष लिया है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि सामग्री के आधार पर इंटरनेट पहुंच के मामले में भेदभाव नहीं हो सके। ट्राई ने कहा- सामग्री के मामले में भेदभावपूर्ण व्यवहार में किसी भी तरीके का भेदभाव, सामग्री पर अंकुश या हस्तक्षेप का प्रयास मसलन ब्लॉक करना, कम करके दिखाना, किसी सामग्री के लिए गति को धीमा करना या किसी को रफ्तार में प्राथमिकता देना शामिल है। ट्राई ने कहा है कि सेवाप्रदाताओं को इस तरह की किसी व्यवस्था या समझौते से रोका जाना चाहिए जो सामग्री पहुंच के आधार पर भेदभाव की स्थिति पैदा करती हो।

अगर ट्राई की इन सिफारिशों को लागू किया जाता है तो इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनियां न तो किसी वेब सर्विस को अवरुद्ध कर सकेंगी और न ही उसकी रफ्तार में कमी-बेशी कर सकेंगी। अधिक भुगतान करने वाले कंटेंट प्रदाताओं को तीव्र यातायात की सुविधा प्रदान कर सकेंगी। फिर चाहे ये वेब सेवाएं कंप्यूटर पर हों या लैपटॉप अथवा मोबाइल फोन किसी पर।

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