देश में दूरसंचार उपकरणों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ट्राई एक नई व्यवस्था लाना चाहता है। ट्राई ने साल 2022 तक दूरसंचार उपकरणों का आयात बंद करन की सिफारिश की है। इससे स्थानीय स्तर पर उपकरणों का उत्पादन बढ़ेगा। अगर ट्राई की यह सिफारिश सरकार मान लेती है तो स्मार्टफोन की कीमत में भी कमी आएगी। वर्तमान की बात करें तो भारत में कंपनियां दूसरे देशों से सामान मंगा कर यहां एसेंबल करती हैं। इन सामानों पर आयात शुल्क लगता है जिससे उपकरण महंगे हो जाते हैं।
ट्राई ने बयान में कहा, “भारत को 2022 तक दूरसंचार उपकरणों के शून्य आयात लक्ष्य को हासिल कर लेना चाहिये। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिये दूरसंचार उपकरण विनिर्माण परिषद (टीईएमसी) को विशेष क्षेत्रों की पहचान करनी चाहिए।” आंकड़ों पर गौर किया जाए तो वर्ष 2017-18 में दूरसंचार उपकरणों का निर्यात 120.17 करोड़ डॉलर रहा। जबकि आयात इससे कही ज्यादा 218.47 करोड़ डॉलर रहा।
ट्राई के मुताबिक, टेलिकॉम सेक्टर में 1000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा जिससे डिजाइन, परीक्षण और उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। ट्राई चाहता है कि टेलिकॉम मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को आयात पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। बल्कि भारत में ही दूरसंचार उपकरणों का निर्माण करना चाहिए। आपको बता दें कि दूरसंचार उपकरणों की अधिकांश मांग आयात के जरिये पूरी होती है। ट्राई भारत को आयात निर्भर से स्वदेशी विनिर्माण के वैश्विक केंद्र के रूप में बदलना चाहता है।