बोधगया के कालचक्र मैदान में घने कोहरे के बीच शुरू हुआ दलाई लामा का तीन दिवसीय विशेष शैक्षणिक सत्र,50 से अधिक देशों के बौद्ध श्रद्धालुओ ने लिया हिस्सा,18 से भी अधिक विभिन्न भाषाओं में किया जा रहा है प्रवचन,अपनी अपनी भाषाओं में सुनते दिखे लोग,दलाई लामा ने अहिंसा,करुणा व दया का दिया संदेश,कहा भगवान बुद्ध ने दिया था संदेश,प्रवचन के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम
तिब्बती आध्यात्मिक बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा बोधगया में एक महीने के प्रवास पर है।आज 29 दिसंबर से 31 दिसंबर तक बोधगया स्थित विश्व प्रसिद्ध कालचक्र मैदान में दलाई लामा प्रवचन देंगे।आज प्रवचन के पहले दिन दलाई लामा परम पावन नागार्जुन की इन स्थिति ऑफ धम्म धातु पर प्रवचन दिया।31 दिसंबर को दलाई लामा मंजूश्री सशक्तिकरण प्रदान करेंगे।मंजूश्री का आह्वान करते हुए दलाई लामा उनकी शक्ति को यहां श्रद्धालुओं में आने का प्रवचन देंगे।
प्रवचन कार्यक्रम के दौरान कालचक्र मैदान की सुरक्षा कड़ी की गई है। दलाई लामा के प्रवास व प्रवचन कार्यक्रम के दौरान अतिरिक्त पुलिस बलो की प्रतिनियुक्ति की गई है।
प्रवचन के दौरान दलाई लामा तीन दिनों तक विशेष शैक्षणिक सत्र में अपने अनुयायियों को जीवन के बुनियादी सिद्धांतों को बताएंगे।प्रवचन कार्यक्रम सुबह 8 बजे से शुरू है।कालचक्र मैदान में दलाई लामा ने विश्वशांति की प्रार्थना के साथ पूजा का शुभारंभ किया।इस दौरान कालचक्र मैदान में बनाए गए ब्लेसिंग मुद्रा में भगवान बुद्ध की प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे।कालचक्र मैदान के सभी गेट खोले गए है सभी गेट पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है हैंड मेटल डिटेक्टर से समुचित जांच के बाद हीं प्रवेश दिया जा रहा है। प्रवचन कार्यक्रम में अमेरिका,जर्मन,स्पेन,कंबोडिया,रूस,इंडोनेशिया,मंगोलिया, जापान,ताइवान,लाओस, मयनमार,ब्राजील,भूटान,तिब्बत सहित 50 से अधिक देशों से करीब 50 हजार बौद्ध श्रद्धालु और अनुयायी शामिल हो रहे है।श्रद्धालुओ के लिए वाटरप्रूफ पंडाल बनाया गया है।
घने कोहरे के बीच देश विदेश से आए बौद्ध श्रद्धालु दलाई लामा के प्रवचन सुनने और उन्हें देखने के लिए सुबह 5 बजे से ही कालचक्र मैदान में पहुचे हुए हैं। पंडाल में जगह कम रहने के कारण कालचक्र मैदान के खुले में हीं कोहरे के बीच बौद्ध श्रद्धालु अपनी अपनी भाषाओं में दलाई लामा के प्रवचन सुनते दिखे..