बेबाक आवाजों पर आखिर कब तक होते रहेंगे हमले ? नई दिल्ली । पत्रकारिता या मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है। यह इसलिए भी क्योंकि आजादी के बाद पिछले 70 सालों में… chat_bubble_outlineLeave a comment FacebookTwitterGoogle+LinkedInPinterestshare पत्रकार गौरी लंकेश को थी अनहोनी की आशंका, जता चुकी थीं जान का खतरा वही हुआ जिसकी आशंका थी। निर्भीक पत्रकार गौरी लंकेश को इस अनहोनी का अहसास हो चुका था। तभी शायद उनके जेहन में ये साफ रहा… chat_bubble_outlineLeave a comment FacebookTwitterGoogle+LinkedInPinterestshare
पत्रकार गौरी लंकेश को थी अनहोनी की आशंका, जता चुकी थीं जान का खतरा वही हुआ जिसकी आशंका थी। निर्भीक पत्रकार गौरी लंकेश को इस अनहोनी का अहसास हो चुका था। तभी शायद उनके जेहन में ये साफ रहा… chat_bubble_outlineLeave a comment FacebookTwitterGoogle+LinkedInPinterestshare