journalist union of india

बेबाक आवाजों पर आखिर कब तक होते रहेंगे हमले ?
नई दिल्ली । पत्रकारिता या मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है। यह इसलिए भी क्योंकि आजादी के बाद पिछले 70 सालों में…
पत्रकार गौरी लंकेश को थी अनहोनी की आशंका, जता चुकी थीं जान का खतरा
वही हुआ जिसकी आशंका थी। निर्भीक पत्रकार गौरी लंकेश को इस अनहोनी का अहसास हो चुका था। तभी शायद उनके जेहन में ये साफ रहा…