कारोबार

SC के फरमान के बाद पटाखा बाजार के 200 करोड़ फुस्स

नई दिल्ली (जेएनएन)। पटाखा बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध से दिल्ली-एनसीआर के पटाखा विक्रेताओं के पास करीब 200 करोड़ का पटाखा फंस गया है। अकेले दिल्ली में ही 50 से अधिक थोक और 300 से अधिक फुटकर पटाखा विक्रेता है।

इसी तरह एनसीआर के शहरों में करीब 200 फुटकर पटाखा विक्रेता हैं। पटाखा कारोबारियों के मुताबिक पहले प्रतिबंध हटाने व कुछ शर्तों के साथ बिक्री की मंजूरी और अब फिर से प्रतिबंध के चलते थोक व खुदरा पटाखा कारोबारियों के सामने गंभीर संकट पैदा हो गया है।

अस्थाई दुकानदारों ने दीपावली पर पटाखा बेचने के लिए लाइसेंस लेने के साथ पटाखों का आर्डर दे दिया है। स्थान भी किराये पर ले लिया है। इन सब कवायद से एक-एक दुकानदारों के लाखों रुपये फंस गए हैं।

दिल्ली फायरवर्क्‍स ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव जैन के मुताबिक, यह फैसला दीपावली से ठीक पहले सैकड़ों पटाखा कारोबारियों के साथ ही हजारों कर्मचारियों के जीवन में अंधेरा लाने वाला है। पिछले वर्ष 25 नवंबर को दिल्ली-एनसीआर में पटाखा बिक्री पर प्रतिबंध लगा था।

इसे इस वर्ष 12 सितंबर को कुछ शर्तों के साथ हटाया गया। दीपावली पर पटाखा बिक्री के लिए लाइसेंस जारी कर दिए गए। अब 27 दिन बाद फिर इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रतिबंध जारी रखा जाता तो अधिक समस्या नहीं आती, लेकिन अब तो तैयारियां पूरी हो चुकी है।

पार्कों व खाली मैदानों में लगने वाले दीपावली मेला के साथ ही सदर बाजार, चांदनी चौक समेत दिल्ली के अन्य छोटे-बड़े बाजारों में विशेष तौर पर खुदरा दुकानदारों ने स्थान बुक करा लिए हैं। सदर बाजार में एक-एक दुकानें एक लाख रुपये से अधिक के महीने के किराए पर हैं।

पटाखों के आर्डर दे दिए गए हैं व काफी हद तक पटाखों की सप्लाई भी हो चुकी है। सबसे बड़ी बात कि अस्थाई दुकानदारों को लाइसेंस सीमित अवधि के लिए जारी होता है। दीपावली बाद उनका लाइसेंस अवैध होने के साथ उनके पास रखा पटाखा भी अवैध हो जाएगा।

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