राज्य में गर्भवती महिलाओं की हेपेटाइटिस की जांच होगी। जांच में किसी गर्भवती महिला के हेपेटाइटिस पॉजीटिव पाए जाने पर नवजात को जन्म के 24 घंटे के भीतर हेपेटाइटिस बी का टीका लगाया जाएगा।
केंद्र के निर्देश पर स्वास्थ्य सचिव निधि खरे ने अभियान निदेशक कृपानंद झा को पत्र लिखकर इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर इसे सुनिश्चित करने को कहा है।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि फिलहाल राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के तहत जो भी मानव संसाधन उपलब्ध हैं तथा जो सेरोलाजिकल टेस्ट कर रहे हैं वे मल्टी टास्किंग के रूप में हेपेटाइटिस की जांच करेंगे। उन्होंने रिम्स में हेपेटाइटिस की जांच के लिए अत्याधुनिक लैब की स्थापना की कवायद भी शीघ्र शुरू करने के लिए माइक्रोबायोलॉजी विभाग को निर्देश दिया है।
केंद्र ने इसके लिए राज्य सरकार को 97 लाख रुपये उपलब्ध कराए हैं। विभाग ने नवंबर माह से इसमें जांच की प्रक्रिया शुरू करने का लक्ष्य रखा है।
स्वास्थ्य सचिव ने पिछले माह 28 तारीख को केंद्र द्वारा शुरू किए गए राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम की भी जानकारी दी। इसके लिए भी आवश्यक प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश अभियान निदेशक को दिया है।
इस कार्यक्रम के लिए राज्य को आठ करोड़ रुपये मिलेंगे। इनमें 60 फीसद राशि केंद्र सरकार देगी, जबकि 40 फीसद राशि राज्य सरकार वहन करेगी।
इस कार्यक्रम के तहत हेपेटाइटिस बी और सी की जांच और इलाज की सुविधा राज्य के चुनिंदा अस्पतालों में शुरू की जाएगी। मरीजों को इन बीमारियों का मुफ्त इलाज होगा। दोनों बीमारियों का इलाज काफी महंगा होता है। हेपेटाइटिस सी लीवर कैंसर व लीवर सिरोसिस की प्रमुख वजह है। केंद्र ने 2030 तक हेपेटाइटिस बी व सी बीमारी के उन्मूलन का लक्ष्य रखा है।