रिर्जव बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने शनिवार को उन मीडिया रिपोर्ट केा खारिज कर दिया है जिसमें ये कहा गया था कि बैंक खातों को आधार से लिंक करना जरूरी नहीं है। आरबीआई ने कहा है कि बैंक खातों को आधार से लिंक करना एंटी मनी लॉन्ड्रिंग नियमों के तहत जरूरी है। आरबीआई ने जारी बयान में कहा है कि रिज़र्व बैंक स्पष्ट करता है कि नियम लागू होने वाले मामलों में आधार को बैंक खाते से जोड़ना धन-शोधन निवारण (रिकॉर्ड रखरखाव) द्वितीय संशोधन नियम, 2017 के तहत अनिवार्य है। बैंक खातों को 12 नंबर के आधार नंबर से जोड़ने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर तक है।
आरबीआई ने यह भी कहा कि जून 2017 में एंटी मनी लॉन्ड्रिंग नियमों की घोषणा के साथ इसे “वैधानिक बल” भी मिला है। बैंकों को इन निर्देशों का पालन अगले आदेश मिलने तक करना है। आधार कार्यक्रम विश्व का सबसे बड़ा बॉयोमेट्रिक पहचान पत्र प्रोग्राम है जो हर नागरिक की गोपनीयता बनाए रखने का दावा करता है। अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि गोपनीयता एक मौलिक अधिकार है।
क्या था पूरा मामला
मीडिया खबरों के मुताबिक, आरटीआई कार्यकर्ता योगेश सपकाले की अर्जी के जवाब में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने 1 जून, 2017 को गजट नोटिफिकेशन क्रमांक जीएसआर 538 (ई) जारी किया था। इसमें बैंक खाता खोलने के लिए आधार और पैन कार्ड को अनिवार्य बनाया गया है। इसमें रिजर्व बैंक की कोई भूमिका नहीं है।