G20 शिखर सम्मेलन 2025 — जोहान्सबर्ग में अफ्रीका की पहली मेजबानी
जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका — 22-23 नवंबर 2025 को यहाँ G20 नेताओं की बैठक हो रही है, जो वैश्विक आर्थिक सहयोग का एक महत्वपूर्ण मंच है। यह न केवल G20 शिखर सम्मेलन का हिस्सा है, बल्कि अफ्रीका महाद्वीप पर पहली बार आयोजित होने वाला G20 समिट भी है।
मुख्य थीम और उद्देश्य
- इस साल के G20 समिट का थीम है: “Solidarity, Equality और Sustainability” (सहयोग, समानता, और स्थिरता)।
- इस थीम के माध्यम से, मेजबान देश दक्षिण अफ्रीका गरीबी, असमानता, जलवायु संकट जैसी वैश्विक चुनौतियों पर फोकस करना चाहता है।
- समिट में समावेशी विकास, जलवायु वित्त, ऊर्जा संक्रमण, कर्ज़ स्थिरता, और डेटा-गवर्नेंस एवं एआई जैसे महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता और महत्व
- दक्षिण अफ्रीका ने 1 दिसंबर 2024 से G20 की अध्यक्षता संभाली थी, और यह अवधि 30 नवंबर 2025 तक है।
- इसकी अध्यक्षता वैश्विक दक्षिण (विशेष रूप से विकासशील देशों) की आवाज़ को बढ़ाने का एक ऐतिहासिक अवसर है।
- दक्षिण अफ्रीका ने अपनी G20 प्राथमिकताओं को उस दर्शन पर आधारित किया है जो साझेदारी और साझा जिम्मेदारी को महत्व देता है, और इसे “Ubuntu” की भावना से जोड़ता है।
महत्वपूर्ण एजेंडा
- विश्व आर्थिक वृद्धि और समावेशन
- G20 देश और निमंत्रित देश मिलकर वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, विकास और वित्तीय साझेदारी पर चर्चा करेंगे।
- कर्ज़ बोझ और वित्तीय सहायता
- खासकर कम-आय वाले देशों के लिए कर्ज़ स्थिरता और वित्तीय संरचना कैसे मजबूत हो, यह अहम मुद्दा बनेगा।
- ऊर्जा संक्रमण और जलवायु कार्रवाई
- नीतियाँ होंगी जो पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा में बदलाव को बढ़ावा दें और विकासशील राष्ट्रों को मदद पहुँचाने पर काम करें।
- आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और डाटा गवर्नेंस
- एक विशेष टास्क फोर्स है, जो AI for Africa जैसे पहलों पर काम कर रही है ताकि भविष्य-उन्मुख टेक्नोलॉजी विकास समावेशी और न्यायपूर्ण हो।
- खाद्य सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा
- सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों को मजबूत करना, गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों के लिए सुरक्षा जाल को बढ़ाना और खाद्य असुरक्षा पर ध्यान देना भी एजेंडा में है।
दृष्टिकोण और वैश्विक संदेश
- यह समिट वैश्विक दक्षिण की प्राथमिकताओं को प्रमुखता देने का एक मंच है, जिसमें विकास-रूझा दृष्टिकोण और न्यायपूर्ण वैश्विक व्यवस्था पर बल है।
- दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता ने G20 को एक बहुआयामी और लोगों-केंद्रित मंच बनाने की कोशिश की है — न केवल आर्थिक मुद्दों पर, बल्कि सामाजिक न्याय और पर्यावरणीय स्थिरता पर भी।
- इन बैठकों के परिणाम न केवल G20 देशों के लिए, बल्कि निम्न- और मध्यम-आय देशों, खासकर अफ्रीका के देश-समूह के लिए दीर्घकालीन नीतिगत दिशा तय कर सकते हैं।


