राम रहीम की हनीप्रीत अभी तक पुलिस के लिए एक पहेली बनी है। देश-दुनिया में उसकी तलाश में भटक रही पुलिस को हनीप्रीत ने चौंका दिया। उसकी तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की गई। इस पर सुनवाई करने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है। हनीप्रीत ने पंजाब-हरियाणा के ड्रग्स सिंडिकेट से खुद की जान को खतरा बताया है। दिल्ली के ग्रेटर कैलाश से मिले सीसीटीवी फुटेज में हनीप्रीत को देखे जाने का दावा किया गया है। इसमें काले रंग के कपड़े और स्कार्फ पहने हनीप्रीत एक वकील के घर जाते हुए दिखी है। हनीप्रीत की तलाश में दिल्ली के ग्रेटर कैलाश और सीआर पार्क में पुलिस ने छापेमारी की है। मंगलवार सुबह 7.30 बजे डेरा के आश्रम में पुलिस ने छापा मारा, लेकिन हनीप्रीत नहीं मिली।
उधर, हरियाणा पुलिस ने राम रहीम की करीबी हनीप्रीत, डेरा प्रवक्ता आदित्य इंसा और पवन इंसा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। यह वारंट अक्टूबर के अंत तक प्रभावी रहेगा, यदि इस दौरान आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए, तो उन्हें भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया जाएगा। इससे पहले हनीप्रीत के वकील प्रदीप आर्या ने बताया है कि वह सोमवार को दिल्ली में उनके ऑफिस आई थी। ऐसे में यह साफ हो रहा है कि जिस हनीप्रीत को सारी दुनिया में तलाशा जा रहा है, वो तो देश की राजधानी दिल्ली में कहीं छिपी बैठी है। सोमवार को हनीप्रीत ने दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत की अर्जी दाखिल करने के लिए वकील प्रदीप आर्या के साथ करीब 2 घंटे की मुलाकात की थी। उसने वकील से बचाव का कानूनी रास्ता ढूंढने के लिए कहा था।
हनीप्रीत की फरारी को लेकर कई तरह की थ्योरी भी सामने आ रही हैं। ये भी कहा जा रहा है कि वो भागी नहीं बल्कि भगाई गई क्योंकि उसके पास कई रसूखदारों के राज हैं। दूसरी तरफ ये थ्योरी भी निकल रही है कि हनीप्रीत को डेरा के लोगों ने ही बंधक बनाया था। यह आरोप किसी और का नहीं बल्कि राम रहीम की बहू के ममेरे भाई भूपेंद्र सिंह गोरा का है।राम रहीम के समधी कांग्रेस के पूर्व विधायक हरमिंदर सिंह जस्सी के रिश्तेदार भूपेंद्र सिंह का आरोप है कि उनकी निगरानी में हनीप्रीत को किसी गुप्त जगह ले जाया गया। इन आरोपों को उस सच से भी ताकत मिल रही है, जो राजस्थान के श्रीगंगानगर में हनीप्रीत की तलाश के दौरान सामने आया था। यहां जस्सी के सिक्योरिटी में तैनात पंजाब पुलिस के जवान देखे गए थे।