मुंबई: भारतीय क्रिकेट बोर्ड ( बीसीसीआई) को उम्मीद है कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मीडिया अधिकारों में अप्रत्याशित बोली लगने की उम्मीद है। हितों में टकराव के कारण आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला ने खुद को बोली प्रक्रिया से अलग कर लिया है।
मीडिया अधिकारों को टीवी और डिजिटल की श्रेणियों में बांटा गया है। 2018 से 2022 तक के लिए दिए जाने वाले इन अधिकारों की बोली से बीसीसीआई को 20 हजार करोड़ रुपए कमाई का अनुमान है। इसमें भारतीय उपमहाद्वीप के लिये टीवी अधिकार के साथ तेजी से बढ़ते डिजिटल मीडिया के लिये अधिकारों की बोली शामिल है। इसके अलावा पश्चिम एशिया, अफ्रीका, यूरोप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बाजारों के साथ वैश्विक टीवी मीडिया अधिकार शामिल है।
बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी ने कहा कि राजस्व दिलाने के लिहाज से यह नीलामी ‘ऐतिहासिक’ हो सकती है। उन्होंने कहा कि बोली से बीसीसीआई को रिकार्ड रकम मिल सकती है। हालांकि मैं किसी संख्या की भविष्यवाणी नहीं कर सकता लेकिन हमारा मुख्य मकसद हर हितधारक के लिये पारदर्शी और ठोस बोली प्रक्रिया को लागू करने का है।
चकाचौंध और ग्लैमर से भरी इस लीग की डिजिटल अधिकारों की दौड़ में एयरटेल और रिलायंस जियो के बीच मुख्य मुकाबला हो सकता है। पिछली बार यह अधिकार 2015 में तीन वर्षों के लिये नोवा डिजिटल ने 302.2 करोड़ रुपये में खरीद था। इस बोली में शामिल होने के लिये पिछले साल 18 कंपनियों ने दस्तावेज खरीदे थे, इन कंपनियों में स्टार इंडिया, अमेजन सेलर्स र्सिवसेज, फॉलोऑन इंटरेक्टिव मीडिया, ताज टीवी इंडिया, सोनी पिक्चर्स नेटवक्र्स, टाइम्स इंटरनेट, सुपरस्पोर्ट इंटरनेशनल, रिलायंस जियो डिजिटल, गल्फ डीटीएच एफजेड एलएलसी, ग्रुप एम मीडिया, बी इन, ईकोनेट मीडिया, स्काई यूके, ईएसपीएन डिजिटल मीडिया, बीटीजी लीगल र्सिवसेज, बीटी पीएलसी, ट्विटर और फेसबुक इंक शामिल है।
इसकी तुलना में 2008 में सिर्फ 6 कंपनियों ने बोली दस्तावेज खरीदा था जिसमें टीवी अधिकार वल्र्ड स्पोर्टस ग्रुप ने 91.8 करोड़ डॉलर में खरीदा था, एक साल बाद सोनी ने इस अधिकार को 1.63 अरब अमेरिकी डॉलर में खरीदा।