नई दिल्ली : नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि यदि एशिया के दो दिग्गज देशों (भारत-चीन) के बीच यदि संबंध बेहतर बने रहे और अर्थिक वृद्धि के मामले में भारत ने चीन का अनुसरण किया तो अगले तीन दशकों के लिए उच्च आर्थिक वृद्धि के मामले में भारतीय अर्थव्यवस्था चीन से आगे निकल जाएगी।
दोनों देशों के शीर्ष नियोजन निकायों के बीच तीसरी वार्षिक वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि 2008 के वैश्विक आर्थिक संकट के बाद पहली बार अमेरिका, यूरोप और जापान जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सुधार के संकेत दिखाई दिये हैं। यह वैश्विक अर्थव्यस्था के लिए अच्छा है। उन्होंने आगे कहा कि इस परिदृश्य में, भारत और चीन को आर्थिक सुधार का लाभ लेना चाहिए।
नीति आयोग और चीन के डेवलपमेंट रिसर्च सेंटर के बीच वार्ता के दौरान उन्होंने कहा, “यह अनिवार्य है कि दोनों देशों को साथ मिलकर काम करना चाहिए और आगे बढ़ने में एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए। मुझे लगता है कि वैश्विक स्तर पर और एशिया में जिस तरह की परिस्थितियां है उसमें भारत अगले 30 साल में उच्च आर्थिक वृद्धि के मामले में चीन से आगे निकल जाएगा।” कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “जोर” भारत की आर्थिक वृद्धि दर को दहाई अंक की ओर बढ़ाने पर है, क्योंकि इससे चीन की तरह भारत भी गरीबी से निजात पा सकता है।
उन्होंने 60 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकलने के चीन की उपलब्धि को “मानव इतिहास में उल्लेखनीय” करार दिया है। उन्होंने 2022 तक आर्थिक वृद्धि दर के दहाई अंक हासिल करने की मोदी सरकार की योजना पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “भारत को दहाई अंक की वृद्धि दर हासिल करनी चाहिए ताकि हम छह स्वतंत्रता प्राप्त कर सकें- गरीबी, गंदगी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद और सांप्रदायिकता से स्वतंत्रता।