पटना : जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के बागी नेता शरद यादव और अली अनवर की राज्यसभा सदस्यता ख़त्म हो गई है। लंबी सुनवाई और डॉक्युमेंट्स की जांच के बाद राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सोमवार को ये फैसला सुनाया।
2 सितंबर को राज्यसभा में जेडीयू के नेता आरसीपी सिंह ने सभापति को एप्लिकेशन देकर दोनों नेताओं की मेंबरशिप खत्म करने की मांग की थी। तर्क था कि दोनों ने अपनी मर्जी से जेडीयू छोड़ दिया है।
शरद कैंप के नेता अरुण श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि सभापति ने केंद्र के दबाव में फैसला लिया है। वहीँ शरद यादव ने ट्वीट कर कहा कि, “मुझे राज्यसभा से अयोग्य घोषित किया गया क्योंकि बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को हराने के लिए बनाए गए महागठबंधन को 18 महीने बाद सत्ता में बने रहने के लिए तोड़ दिया गया। अगर इस गैर-लोकतांत्रिक कार्यशैली के खिलाफ बोलना मेरी गलती है तो मैं लोकतंत्र को बचाने के लिए अपनी लड़ाई जारी रखूंगा।”
खबरों कि माने तो इस नतीजे के बाद अली अनवर ने सुप्रीम कोर्ट जाने का दावा किया है। अनवर ने कहा कि इस फैसले से हम लोग डरने वाले नहीं है। संसदीय इतिहास में ये पहला फैसला है जहां राज्यसभा के सभापति ने खुद किया हो. जबकि इससे पहले जो फैसले हुए हैं वो प्रोविजिनल कमेटी, एथिक्स कमेटी के जरिए हुए है। उन्होंने शायरी करते हुए अपना जवाब दिया और कहा- ‘न मैं गिरा, न मेरे हौसले की मिनार गिरे, पर मुझे गिराने में कुछ लोग कई बार गिरे’।
जद(यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने मंगलवार को शरद यादव पर तंज कस्ते हुए नसीहत दी कि अब केवल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद ‘जिंदाबाद’ कहने से काम नहीं चलेगा अब लालू के पुत्र तेजस्वी, तेजप्रताप और राबड़ी देवी का भी गुणगान करना होगा।