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ये हैं दुनिया के दुसरे माउंटेन मैन, बीवी के प्यार में पहाड़ काटकर बना दी 6 हजार सीढ़ियां

नई दिल्ली : अभी तक आप माउंटेन मैन के रूप में बिहार के दशरथ मांझी को ही जानते होंगे। लेकिन आज हम आपको दुनिया के दुसरे माउंटेन मैन से मिलवा रहे हैं। जिन्होंने अपने बीवी के लिए पहाड़ को काट कर 6 हजार सीढ़ियों का निर्माण कर दिया। जिससे उनकी पत्नी को पहाड़ पर चढ़ने में दिक्कत न हो।

इश्क और मोहब्बत की कहानियां तो आपने बहुत सी सुनी होंगी, जो दुनिया के लिए मिशल भी बनी। चाहे लैला-मजनू की बात कर लें, चाहे हीर-रांझा, सोनी-महिवाल या फिर शिरी फरहाद की प्रेम कहानी। इनका प्यार दुनिया के लिये मोहब्बत की मिसाल बना और उनकी कहानियां आज भी युवा दिलों में जिंदा हैं।

कुछ ऐसी ही मिसाल आने वाली पीढ़ियों के लिए चीन के इस जोड़े ने भी छोड़ी है, जिनकी प्रेम कहानी सुनकर आप हैरत में पड़ जाएंगे। ये एक ऐसी कहानी है जिसमें उनका प्यार आज उनके न होने पर भी जिंदा है। 1956 में जू चाओकिंग ने अपने पहले पति को खो दिया था और चार बच्चों के साथ गरीबी की मार झेल रही थी।

लियू गुओजियाद जू से उम्र में दस साल छोटा होने के बावजूद जू की हर संभव मदद करता था और उसके बच्चों का भी ख्याल रखने लगा। बस गांव वालों को यह रिश्ता रास नहीं आया। उन्हें इस रिश्ते से ऐतराज था। गांववाले एक विधवा को घर बसाते नहीं देख सकते थे। बेमतलब की बातें लोगों के बीच होने लगी तो उन्होंने सबसे दूर जाकर बसने का फैसला किया। उन्होंने एक पहाड़ पर गुफा को ही घर बना लिया। भले ही वहां कुछ सुविधा नहीं थी, लेकिन प्यार भरपूर था। हैरानी की बात यह थी कि जू के पहले पति की मौत होने से पहले से लियू उसे चाहता था।

लियू ने देखा कि उसकी पत्नी को पहाड़ पर चढ़ने में बहुत परेशानी होती है। फिर क्या था उसने धीरे-धीरे पहाड़ पर सीढ़ियां बनाना शरू कर दिया। 2007 में लियू की मौत हुई थी लेकिन जब तक वह जिंदा रहा बीवी के लिए मरते दम तक सीढ़ियां बनाता रहा।

72 साल की उम्र में लियू ने अपनी पत्नी की गोद में आखिरी सांस ली थी। पत्नी जू ने भी 2012 में दुनिया से अलविदा कह दिया लेकिन इस कपल की प्रेम कहानी आज भी पहाड़ पर मौजूद है। आज भी पत्नी के लिए बनाई लियू की वो 6,000 सीढ़ियां उस जगह जाने वालों को प्यार की दास्तां बयां करती हैं। पहले उनके बारे में कोई नहीं जानता था। लेकिन साल 2001 में एक अभियान दल का संपर्क उनसे हुआ तब उनकी प्रेम कहानी सामने आई।

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