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तीन तलाक पर होगी तीन साल की जेल, बिल का ड्राफ्ट तैयार

नई दिल्ली : एक बार में तीन तलाक या ‘तलाक-ए-बिद्दत’ देने वालों को जुर्माने के साथ तीन साल कैद की सजा हो सकती है। केंद्र सरकार ने इससे संबंधित बिल का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है और अब इसे राज्यों को उनकी राय जानने के लिए भेजा गया है। ड्राफ्ट में एक बार में तीन तलाक देने वालों के लिए गैर जमानती वॉरन्ट का भी प्रावधान है।

ड्राफ्ट की खास बात यह है कि पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को मुआवजे का अधिकार भी दिया गया है। प्रस्तावित कानून जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होगा। बिल को ‘मुस्लिम वुमन प्रोटक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज बिल’ नाम दिया गया है। ड्राफ्ट को केंद्रीय मंत्रियों की एक कमिटी ने तैयार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी पिछले दिनों एक बार में तीन तलाक पर रोक लगा दी थी लेकिन इसके बावजूद यह सिलसिला जारी है। उसी के मद्देनजर अब कानून बनाया जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक ट्रिपल तलाक खत्म करने के लिए सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में कानून लाएगी। सरकार ‘द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट’ नाम से इस विधेयक को लाएगी। ये कानून सिर्फ तीन तलाक पर ही लागू होगा। इस कानून के बाद कोई भी मुस्लिम पति अगर पत्नी को तीन तलाक देगा तो वो गैर-कानूनी होगा। इस कानून में तीन तलाक पर बैन लगाने का प्रस्ताव व दोषी को तीन साल की कैद व जुर्माने की सजा का प्रावधान किया जाएगा। इसे गैर जमानती अपराध माना जाएगा।

नए कानून में तीन तलाक को संज्ञेय अपराध, गैर जमानती अपराध के साथ 3 साल की सजा के पीछे सरकार का यह तर्क है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी लोगों ने तीन तलाक देना नहीं छोड़ा। यही नहीं सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसे रोकने के लिए कोई बड़ा कदम नहीं उठाया।

केंद्र सरकार ने विधेयक को तमाम राज्यों के पास भेज दिया है और उनसे इसपर जल्द से जल्द अपनी राय देने को कहा है। हालांकि यह कानून जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होगा। इस बात पर अभी फैसला नहीं हुआ है कि यह कानून पीछे के मामलों में लागू होगा या फिर कानून के लागू होने के बाद आने वाले समय में यह लागू होगा।

आपको बता दें कि 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में तीन तलाक पर रोक लगा दी थी और केंद्र सरकार को इसपर कानून बनाने को कहा था।

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