अहमदाबाद : गुजरात में चुनाव को लेकर राजनीति अपने चरम पर है। सभी पार्टी और नेता ताबड़तोड़ रैलियां कर रहें हैं। शुक्रवार को सीएम विजय रूपाणी भी एक जनसभा को संबोधित कर रहें थे इसी बीच सभा में एक शहीद की बेटी सीएम से अपनी बात कहने के लिए आई लेकिन नहीं कह सकी। जब रुपाणी भाषण दे रहे थे, तब शहीद अशोक तडवी की बेटी रूपल सरकार के ऐलान के बाद भी प्लॉट आवंटित नहीं किए जाने की शिकायत लेकर सीएम की ओर बढ़ने लगी। लेकिन सिक्युरिटी में तैनात जवानों ने उसे बीच में ही रोक लिया और घसीट कर वहां से बाहर ले गए। बाद में सीएम भी उससे मिले बिना ही चले गए।
दरअसल गुजरात में की एक रैली के दौरान शहीद बीएसएफ जवान की बेटी मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से पहुंची थी लेकिन वहां से उसे महिला पुलिस कर्मियों ने रोक लिया और घसीटकर बाहर निकल दिया। मंच के नीचे उस लड़की के साथ पुलिस ऐसे पेश आई जैसे वो कोई उपद्रवी हो। ये सब मुख्यमंत्री के सामने हो रहा था और वहां पर उन्होंने उसे रोकने के बजाय उसे शांति से बाहर ले जाने के लिए कहते दिखे।
रूपल 26 साल की हैं और वो कई सालों से इस बात को लेकर प्रदर्शन कर रही है कि उसके पिता अशोक तडवी के शहीद होने के बाद सरकार ने जो जमीन देने का कथित रूप से वादा किया था वह आज तक पूरा नहीं किया।
जब मुख्यमंत्री रैली को संबोधित कर रहे थे उस वक्त वो दर्शकों के बीच बैठी थी और अचानक से चिल्लाते हुए मंच की ओर दौड़ पड़ी, ‘‘ मैं उनसे मिलना चाहती हूं…मैं उनसे मिलना चाहती हूं।’’ इसके बाद मानो वहां कोहराम मच गया। रूपल के कुछ कह पाने से पहले ही पुलिस वालों ने उसे घेर लिया और उसे सभा स्थल से बाहर ले जाने लगे। उस वक्त रूपाणी ने मंच से कहा, ‘‘ मैं आपसे इस कार्यक्रम के बाद मिलूंगा।’’ लेकिन कोई मुलाकात नहीं हुई।
रूपल को पुलिस कर्मियों द्वारा ले जाने के दौरान बचने के लिए संघर्ष करने का वीडियो वायरल हो गया है। राहुल गांधी ने घटना का वीडिया ट्विटर पर पोस्ट किया है और कहा कि बीजेपी का अहंकार अपने चरम पर है। गांधी ने हिंदी में ट्विटर पर लिखा, ‘‘परम देशभक्त’ रुपाणीजी ने शहीद की बेटी को सभा से बाहर फेंकवा कर मानवता को शर्मसार किया। 15 साल से परिवार को मदद नहीं मिली, खोखले वादे मिले।’’
बताया जा रहा है कि शहीद की फैमिली केवडिया कॉलोनी में रहती है। यहां शुक्रवार को रूपाणी की जनसभा थी, जिसमें शहीद की बेटी रूपल पहुंची थी। शहीद का परिवार सालों से सरकारी प्लॉट के लिए लड़ाई लड़ रहा है।
आपको बता दें कि केवडिया के रहने वाले अशोक तड़वी साल 2002 में कश्मीर के कूपवाड़ा में शहीद हो गए थे।