लखनऊ : इस बार का यूपी निकाय चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है, आम से लेकर खास सभी की नजरें आज की मतगणना पर टिकी हुई है। क्योंकि इस चुनाव में कई बड़े चेहरों की साख दांव पर लगी है। यह चुनाव सीएम योगी आदित्यनाथ, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, बीएसपी सुप्रीमो मायावती और पीएम मोदी के लिए भी महत्वपूर्ण है। इन चुनाव नतीजों से साफ हो जाएगा कि क्या यहाँ की आम जनता राज्य सरकार के कामकाज से खुश है या नहीं।
यूपी निकाय चुनाव की मतगणना शुरू हो चुकी है और सबकी निगाहें रिजल्ट पर है। आज का रिजल्ट दिग्गजों के लिए भी परीक्षा की घड़ी है। समाजवादी पार्टी का अध्यक्ष बनने के बाद अखिलेश यादव के सामने भी बड़ी चुनौती है कि क्या वह विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद पार्टी में फिर से जोश भरने का माद्द रखते है या नहीं क्योंकि योगी सरकार के खिलाफ उनके पास अच्छे खासे मुद्दे हैं। फिर चाहे बेरोजगारी हो या कानून व्यवस्था या फिर किसानों का मुद्दा।
इन चुनाव में बीएसपी ने भी पार्टी के सिंबल पर ही चुनाव लड़ा है। लोकसभा में चुनाव में कोई भी सीट न जीत पाने वाली बीएसपी को विधानसभा चुनाव में भी तीसरे नंबर पर ही रही है। बीएसपी अगर इन चुनाव में कुछ खास न कर पाई तो उसके राजनीतिक वजूद पर संकट खड़ा हो सकता है क्योंकि हाल ही में उसके कई बड़े नेता छोड़ कर जा चुके हैं।
योगी आदित्यनाथ के सामने भी साख बचाने की चुनौती है। विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से जीतने वाली बीजेपी कितनी सीटें जीतती है इस बात पर भी नजर रहेगी वैसे आम तौर पर निकाय चुनाव के नतीजे राज्य में जिस पार्टी की सरकार रहती है उसी के पक्ष में रहते हैं, लेकिन वोट प्रतिशत में उतार-चढ़ाव भी इस चुनाव में लोकप्रियता के पैमाना होगा।
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की सीटों पर भी नजर है। बीजेपी का दावा है कि यहां पर वह सारी सीटें जीत लेगी। लेकिन इन चुनावों में स्थानीय मुद्दे हावी रहते हैं और बिजली, पानी, सड़क के मुद्दे पर लोग कितना खुश हैं यह योगी सरकार के कामकाज पर निर्भर होगा।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के क्षेत्र रायबरेली और राहुल गांधी की अमेठी में के चुनाव परिणाम गुजरात चुनाव पर असर डाल सकते हैं क्योंकि गुजरात में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी रायबरेली और अमेठी के विकास को मुद्दा बना चुके हैं।
अब थोड़ा सा इंतजार और करना है उसके बाद जनता का फैसला आ जायेगा कि कौन हैं उनके पसंद।