नई दिल्ली : अगर आप अपने ऑफिस अस्पताल या फिर शादी-पार्टियों में प्लास्टिक या पेपर कप में चाय-कॉफी पीते हैं तो आपके लिए चौंकाने वाली खबर है। जिस चाय या कॉफी के प्याले को आप सुरक्षित मान रहे हैं वास्तव में वह बेहद खतरनाक है। सुविधा को लेकर भले ही बाजार में प्लास्टिक थर्माकोल पेपर कप्स लोकप्रिय हों लेकिन ये डिस्पोजल कप स्वास्थ्य के लिए खतरा है।
कैमिकल साइंस के विशेषज्ञ का कहना है कि कागज के इन कपों में जब गर्म चीज पड़ती है तो गोंद वगैरा से मिलकर कैमिकल बन जाता है। इससे आंतों, गले और गुर्दे में बीमारियां पैदा हो सकती हैं। इसकी सीधे तौर पर दो वजह हैं नंबर एक है कप बनाने में इस्तेमाल होने वाला कागज और दूसरा है कप बनाने में लगने वाला गोंद।
पहले कागज की बात करते हैं। जिस कागज से कप बनाया जाता है वह फ्रेश नहीं होता वह रद्दी को रीसाइकिल करके बनाया जाता है। बनाने वाले पैसे बचाने के लिए कैसी भी रद्दी इस्तेमाल कर लेते हैं। इन पर पहले से कितनी ही तरह के कैमिकल वगैरा लगे होते हैं। इसी कागज पर जब गर्म चाय पड़ती है तो कई तरह के नुकसान करने वाले कैमिकल इसमें घुल जाते हैं या बन जाते हैं।
दूसरे नंबर पर आता है गोंद। कप को चिपकाने में इस्तेमाल होने वाली चीज बबूल के पेड़ से निकली हुई ताजा गोंद तो होती नहीं, जिसे खाने से आप बलवान बनेंगे। ये तो कैमिकल और अन्य सस्ती चीजों का जुगाड़ करके बनाया हुआ ऐसा पेस्ट होता है कि बस किसी तरह चिपकाने के काम आ जाए।
थोड़ा अर्सा पहले यूपी के फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने बाजार में बिक रहे कई तरह के प्यालों की जांच करवाई थी, जिसमें यह बात सामने आई।
अगर कोई प्लास्टिक कप को नुकसानदायक मानकर पेपर कप में पीना शुरू कर रहा है तो उन्हें भी फिर सोचने की जरूरत है क्योंकि ये पेपर कप भी कम खतरनाक नहीं है। पेपर के कपों में चाय या फिर कोई भी गर्म चीज का इस्तेमाल करना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।