नई दिल्ली : आयकर विभाग ने 1.16 लाख लोगों और कंपनियों को नोटिस भेजा है। ये वे कंपनियां और इंडिविजुअल्स हैं जिन्होंने देश में नोटबंदी के दौरान 25 लाख रुपये से ऊपर की नकद राशि बैंक खातों में जमा कराई थी। लेकिन आयकर रिटर्न फाइल करने से चूक गए।
नोटबंदी के बाद जिन्होंने अपने बैंक अकाउंट्स में 25 लाख रुपए से ज्यादा कैश जमा किया लेकिन वे निश्चित तारीख तक रिटर्न फाइल करने में नाकाम रहे है उन्हें टैक्स नोटिस भेजा गया है। यह जानकारी सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने दी है। उन्होंने यह भी बताया कि जिन लोगों ने भारी मात्रा में नकदी जमा की है और आईटी रिटर्न भी फाइल की है वे भी जांच दायरे में है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा ऐसे लोग जिन्होंने अपना आयकर रिटर्न दाखिल कर दिया है, लेकिन उन्होंने बैंक खातों में बड़ी रकम जमा कराई है, उनकी भी जांच चल रही है।
आयकर विभाग ने नोटबंदी के बाद 500 और 1,000 के बंद किये गये ढाई लाख रुपये से अधिक के नोट जमा कराने वाले लोगों की पड़ताल की है। इनमें से ऐसे लोगों और कंपनियों को अलग-अलग किया गया है जिन्होंने अभी तक अपना आयकर रिटर्न नहीं जमा किया है। इन लोगों को दो श्रेणियों 25 लाख रुपये से अधिक जमा कराने वाले और 10 से 25 लाख रुपये तक जमा कराने वालों के बीच बांटा गया है। चंद्रा ने कहा, ‘‘नोटबंदी के बाद बंद नोटों में 25 लाख रुपये अथवा इससे अधिक जमा कराने वाले लोगों की संख्या 1.16 लाख है। इन लोगों ने अभी तक अपना रिटर्न जमा नहीं कराया है।’’ उन्होंने बताया कि ऐसे लोगों और कंपनियों को 30 दिन के भीतर अपना आयकर रिटर्न जमा कराने को कहा गया है।
सीबीडीटी ने कर अधिकारियों से कहा है कि वे इन लोगों को ई-मेल या डाक के जरिये नए नोटिस भेजें। ये नोटिस आयकर कानून (आकलन से पहले जांच) की धारा 142:1: के तहत जारी किए जाएंगे।
आपको बता दें कि भारी कैश डिपॉजिट करने वाले लोग भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के निशाने पर हैं, जिन्होंने आईटी रिटर्न फाइल किया है।