नई दिल्ली : देश की सुरक्षा को चाक-चौबंद करने के लिए सरकार जल्द ही एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। देश के समुंद्री मार्गो की रखवाली अब इसरो के सहयोग से होने वाली है। इसरो की सेटेलाइट तस्वीरों के जरिए संदिग्ध जहाजों और नौकाओं की निगरानी की जाएगी। चेतावनी देने के बाद भी नहीं रुकने पर ऐसे संदिग्ध जहाज और नौकाओं पर हमला भी किया जा सकता है।
मुंबई जैसे आतंकी हमलों की नापाक कोशिशों को नेस्तनाबूद करने के लिए भारत सरकार अचूक समुद्री सुरक्षा को अंतिम रूप दे रही है। इसके लिए अब निगरानी सिस्टम और मजबूत बनाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। समुद्र में दुश्मनों की गुस्ताखियों पर नजर रखने के लिए इसरो की सेटेलाइट तस्वीरों की मदद ली जाएगी। शुक्रवार को इस संबंध में गृह मंत्रालय ने बताया कि तटीय सुरक्षा को चाक-चौबंद करने के तहत जल्द इसरो की सेटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से संदिग्ध जहाजों और नौकाओं की निगरानी की जाएगी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) तटीय सुरक्षा घेरे के तहत अगले साल मार्च से 1000 ट्रांसपोर्डर प्रदान करेगा। गृह मंत्रालय के मुताबिक, 20 मीटर तक की नौकाओं के लिए सेटेलाइट निगरानी का प्रस्ताव रखा गया है।
गृह मंत्रालय के अनुसार नौकाओं की निगरानी के लिए 20 मीटर से ज्यादा लंबी नौकाओं पर ऑटोमेटिक पहचान सिस्टम लगाया जाएगी। जबकि गहरे समुद्र और अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा पर आसानी से निगरानी के लिए तटीय राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश नौकाओं पर कलर कोडिंग कर रहे हैं। इस सुरक्षा चक्र को अंतिम रूप देने के लिए अब तक 46 कोस्टल रडार लगाए जा चुके हैं। जबकि 235 गश्ती नौका राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को दी जा चुकी हैं। वहीं 131 तटीय पुलिस स्टेशनों को मंजूरी मिल चुकी है।
बता दें कि 26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकी समुद्री रास्ते से मुंबई में दाखिल हुए और 166 बेगुनाह लोगों को गोलियों से छलनी करके मौत के घाट उतार दिया था। इस हमले में कई लोग जख्मी भी हुए थे। आतंक का तांडव मुंबई के रेलवे स्टेशन छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पर शुरु हुआ था। आतंकियों ने इसके अलावा ताज होटल, होटल ओबेरॉय, लियोपोल्ड कैफ़े, कामा अस्पताल और दक्षिण मुंबई के कई स्थानों पर हमला किया था।