नई दिल्ली : गूगल इंडिया ने गुलाम भारत की पहली महिला डॉक्टर रुखमाबाई राउत को आज उनके 153 वें जन्मदिन पर अपने डूडल के जरिये सलाम किया है। रुखमाबाई भारत की पहली महिला डॉक्टर्स में से एक थीं।
आज आप जैसे ही गूगल सर्च इंजन खोलेंगे तो आपको एक तस्वीर नजर आएगी, जिसमें एक महिला डॉक्टर के लिबास में दिख रही है और आसपास उनके कई मरीजों के बेड लगे हुए हैं। दरअसल, ये हैं औपनिवेशिक भारत की पहली महिला डॉक्टर रुखमाबाई, जिनका आज 153वां जन्मदिन है। गूगल ने इस मौके पर उनका डूडल बनाकर उन्हें याद किया है। रुखमाबाई राउत औपनिवेशिक भारत की पहली महिला डॉक्टरों में से एक थी, जो उन दिनों में काफी हैरान करने वाली बात थी। क्योंकी उस समय महिलाओं को डॉक्टरी पेशा चुनने का कोई अधिकार नहीं था। रुखमाबाई ने महिलाओं के लिए भी लंबी लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने तब होने वाले बाल विवाह के खिलाफ भी आवाज उठाई थी।
रुखमाबाई का जन्म 22 नवंबर 1864 को हुआ था। मात्र 11 साल की उम्र में ही उनकी शादी दादाजी भीकाजी से कर दी गई थी। भीकाजी ने उनकी शिक्षा रुकवाकर उनको अपने साथ रहने पर मजबूर किया। इस मजबूरी के बाद दोनो पति पत्नी में खटपट शुरू हो गई। बाद में 1884 में उनके पति ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी। कोर्ट ने रुखमाबाई से कहा कि वह या तो अपने पति के साथ रहें या जेल जाएं। रुख्माबाई ने जवाब दिया कि वह जेल जाना ज्यादा उचित समझती हैं।
डूडल पर गूगल के ब्लॉग पोस्ट ने बताया, ‘आज का डूडल डिजायनर श्रेया गुप्ता ने बनाया है। उन्होंने ओजस्वी महिला के तौर पर रुख्माबाई को चित्रित किया है। और उनके आस-पास मरीजों की सेवा में लगे कर्मचारियों को भी दिखाया गया है।‘
आज अगर देश की महिलाएं सशक्त हैं तो उसमें रखमाबाई का बहुत बड़ा योगदान है।