नई दिल्ली : ग्लोबल बिजनेस स्कूल आईएमडी की ओर से जारी की गई वर्ल्ड टैलेंट रैंकिंग में भारत वैश्विक स्तर पर तीन अंक सुधरकर 51वीं स्थान पर पहुँच गई है। हालांकि, इस मामले में स्विट्जरलैंड अब भी पहले स्थान पर बना हुआ है। प्रतिभाओं को आकर्षित, विकसित और उन्हें अपने यहां बनाए रखने के मामले में यह रैंकिंग वैश्विक स्तर पर जारी की गयी है।
स्विटजरलैंड में आईएमडी प्रतिस्पर्धा के प्रमुख ऑर्ट्यूरो ब्रिस के मुताबिक भारत स्थानीय प्रतिभा को बनाए रखने और विदेशी श्रम को आकर्षित करने की दिशा में अच्छा काम नहीं कर रहा है। इन दोनों ही मोर्चों पर, पारिश्रमिक का स्तर, जीवन की गुणवत्ता, सुरक्षा एवं संपत्ति का अधिकार घरेलू रोजगार की रक्षा करने वाले वाहक हैं।
आईएमडी की सालाना वर्ल्ड टैलेंट रैंकिंग में 63 देशों को शामिल किया गया था, जिसमें देशों की ओर से प्रतिभाओं को आकर्षित करने और उन्हें बनाए रखने के लिए अपनाए गए तरीकों का मूल्यांकन किया गया। इस सूची में दी गई रैंकिंग तीन मुख्य श्रेणियों में देश के प्रदर्शन पर आधारित रही, निवेश एवं विकास, अपील और तत्परता। भारत को इन श्रेणियों में क्रमश: 62वां, 43वां और 29वां स्थान हासिल हुआ।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘यूरोप की जबरदस्त शिक्षा प्रणाली उसे भीड़ से अलग बनाती है। यह उसे स्थानीय प्रतिभा के विकास और उसी समय विदेशी प्रतिभा और उच्च कुशल पेशेवरों को आकर्षित करने की क्षमता प्रदान करता है। इससे कई यूरोपीय कारोबार अपने प्रदर्शन के लिए उन पर ऐतबार करते हैं।’’ आईएमडी की वार्षिक विश्व प्रतिभा रैंकिंग में 63 देश शामिल किए जाते हैं और भारत का स्थान सुधरकर 51वां हो गया है।
बता दें कि वैश्विक स्तर पर यूरोप का दबदबा इस रैकिंग सूची में बना हुआ है, जिसमें स्विट्जरलैंड, डेनमार्क और बेल्जियम सबसे ज्यादा प्रतिस्पर्धी देश बने हुए हैं। इस सूची में ऑस्ट्रिया, फिनलैंड, नीदरलैंड, नार्वे, जर्मनी, स्वीडन और लग्जमबर्ग भी टॉप 10 में शामिल हैं।