नई दिल्ली : मोदी सरकार तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाने जा रही है। शीतकालीन सत्र में तीन तलाक के खिलाफ मोदी सरकार बिल लाएगी। इसके लिए सरकार ने एक मंत्री समूह भी बनाया है। पिछले दिनों ही सुप्रीम कोर्ट ने एक साथ तीन तलाक पर रोक लगाते हुए सरकार को कानून बनाने की सलाह दी थी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि विधेयक तैयार करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है।
शायरा बानो बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और इससे जुड़े दूसरे मामलों (WP (C) No.118/2016) में 22 अगस्त 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में मुस्लिम पतियों द्वारा अपनी पत्नियों को तीन तलाक देने पर रोक लगा दी थी। देश के पर्सनल लॉज में यह फैसला वास्तव में एक टर्निंग पॉइंट है। यह फैसला संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत प्रत्येक व्यक्ति को मिले समान अधिकार और समान सुरक्षा को कायम रखता है, भले ही व्यक्ति अल्पसंख्यक हो या बहुसंख्यक।
इस फैसले के बाद अब महिलाओं को तलाक-ए-बिद्दत की व्यवस्था से छुटकारा पाने में काफी मदद मिलेगी। गौरतलब है कि इस एकतरफा व्यवस्था में पति बड़ी आसानी से तीन तलाक दे देते थे और महिलाएं कुछ नहीं कर पाती थीं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद से ऐसा माना जा रहा था कि सरकार जल्द ही कानून बनाने की दिशा में आगे बढ़ सकती है। कानून बनने के बाद एक बार में तीन तलाक अपराध की श्रेणी में आ जाएगा। महत्वपूर्ण बात यह है कि पर्सनल लॉ में सुधार की मांग मुस्लिम समुदाय की ओर से ही उठाई गई थी।
आपको बता दें कि 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को बैन कर दिया था। शायरा बानो मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक समय में एक साथ तीन तलाक के खिलाफ फैसला दिया था। सुप्रीम कोर्ट के बैन के बाद तीन तलाक के खिलाफ नरेंद्र मोदी सरकार का यह बड़ा कदम होगा।
good work done..