पटना : बिहार बोर्ड एक बार फिर अपने कारनामों से सुर्ख़ियों में है, इस बार कारनामा नंबर की हेराफेरी से है। छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाली बिहार बोर्ड की एक और बड़ी लापरवाही सामने आई है। ताज़ा मामला बिहार के रोहतास जिले के मैट्रिक के छात्र धनंजय से जुड़ा हुआ है। धनंजय को हिंदी की परीक्षा में 79 अंक मिले थे लेकिन उन्हें सर्टिफिकेट पर दो अंक देते हुए फेल कर दिया गया।
धनंजय के तरफ से जब इस बात की शिकायत बिहार बोर्ड के अधिकारी से की गई तो कोई भी सुनने को तैयार नहीं था, धनंजय को मैट्रिक के रिजल्ट में 84 फीसदी अंक आए थे लेकिन हिंदी में दो नंबर आने से धनंजय को रिजल्ट पर यकीन नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने अपना रिजल्ट सुधरवाने के लिए बिहार बोर्ड के चक्कर लगाना शुरू किए। हालांकि धनंजय को यकीन था कि ऐसा नहीं हो सकता है और उसने आरटीआई से अपनी कॉपी की मांग की। इसके बाद मामले का खुलासा हुआ कि उसे 79 नंबर कॉपी में दिए गए थे। मीडिया में खबर आने के बाद अधिकारियों की नींद खुली और धनंजय का नया रिजल्ट प्रकाशित किया गया।
बताते चले कि अभी कुछ महीने पहले सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर की प्रियंका कुमारी ने बिहार बोर्ड के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दर्ज कराया था। इसके बाद उसे न्याय मिला और सेकेंड टॉपर घोषित किया गया था।