गुरुग्राम के रेयान स्कूल के चर्चित प्रद्युम्न मर्डर केस में आज सीबीआई ने हरियाणा पुलिस की SIT के चार सदस्यों से पूछताछ की है। सीबीआई को शक है की प्रद्युम्न मर्डर केस की जांच के दौरान सबूतों से छेड़छाड़ की गई है, इसी सिलसिले में सीबीआई ने SIT के चारों सदस्यों से पूछा कि किस आधार पर बस कंडक्टर अशोक कुमार की गिरफ्तारी की गई थी, पुलिस के पास उसके खिलाफ क्या-क्या सबूत हैं। इसके साथ ही सीबीआई की टीम रेयान इंटरनेशनल स्कूल के मैनेजमेंट और स्टाफ से भी पूछताछ करने वाली है। सीबीआई को शक है कि इस वारदात के बाद स्कूल मैनेजमेंट ने मौका-ए-वारदात पर पुलिस के पहुंचने से पहले सबूतों से छेड़छाड़ की थी, इतना ही नहीं बाद में कुछ पुलिस अफसरों ने भी इसमें उनका साथ दिया था।
इस हत्याकांड में सीबीआई जांच के दौरान खुलासा हुआ है कि कुछ पुलिस अफसरों ने जानबूझकर कई सबूतों के साथ छेड़छाड़ किए। इसके साथ ही सुनियोजित तरीके से बस कंडक्टर को दोषी ठहराने के लिए कहानी बनाई गई, उसके खिलाफ सबूत तैयार किए गए। शक के घेरे में आए इऩ पुलिसकर्मियों के कॉल रिकॉर्ड की जांच की गई है, जिसके बाद आज उनसे पूछताछ की गई।
प्रद्युम्न मर्डर केस में सीबीआई की थ्योरी पुलिस की थ्योरी से पूरी तरह अलग है। सीबीआई ने हरियाणा पुलिस की थ्योरी को पलटते हुए रेयान स्कूल के ही 11वीं छात्र को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है। इसमें प्रद्युम्न ठाकुर के हत्या का आरोपी 11वीं के एक छात्र को बताया गया है, जिसने स्कूल बंद कराने के लिए इस हत्याकांड को अंजाम दिया है।
बताते चलें कि प्रद्युम्न और आरोपी छात्र एक-दूसरे को अच्छी तरह से जानते थे और आरोपी छात्र उसे बहला-फुसलाकर वॉशरूम लेकर गया था, जहां उसने प्रद्युम्न की हत्या कर दी। सीबीआई के अनुसार आरोपी ने बताया, प्रद्युम्न ने पीठ पर बैग टांग रखा था, जिसने आरोपी के लिए कवच का काम किया और उसके कपड़ों पर खून का कोई निशान या छींटें नहीं पड़ीं। इसके बाद चाकू को वॉशरूम में छोड़कर वह बाहर निकल गया और माली व टीचर्स को जानकारी दी।