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मोदी के दांव से बीजेपी को मात देने की तैयारी में जुटे राहुल

गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मात देने के लिए कांग्रेस ने मोदी का ही दांव अपना लिया है। उन्होंने भी हिंदुत्व को हथियार बनाकर बीजेपी और आरएसएस से निपटने के साफ संकेत पहले ही दे दिए थे। इसी वर्ष जून महीने में चेन्नई में आयोजित पार्टी की एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि वह बीजेपी और आरएसएस से राजनीतिक जंग लड़ने के लिए उपनिषद गीता पढ़ रहे हैं।

इन दिनों राहुल गांधी गुजरात फतह के लिए ताबड़तोड़ रैलियां और दौरे कर रहे हैं। इस दौरान वह लगातार मंदिर का दौरा कर पूजा अर्चना भी कर रहे है। राहुल गांधी के इस हिंदुत्ववादी झुकाव की वजह राजनीतिक मानी जा रही है। पिछले दिनों भी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव के दरम्यान अपने चैाथे गुजरात दौरे की शुरुआत गांधीनगर के अक्षरधाम मंदिर में दर्शन के साथ ही की थी।इस दौरान अक्षरधाम मंदिर के संत ने राहुल गांधी की अगवानी की। यह वही मंदिर है, जहां हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने गुजरात दौरे के समय गए थे। पीएम मोदी ने गुजरात के अक्षरधाम मंदिर के रजत जयंती समारोह में भी शिरकत की थी। उस समय अक्षरधाम मंदिर में संत ब्रह्मबिहारी स्वामी ने पीएम मोदी की अगवानी की थी।

मंदिर घूमने के मामले में नरेंद्र मोदी से भी आगे निकले राहुल गांधी, हर तरफ चर्चा

आज राहुल गांधी बनासकांठा जिले में अम्बाजी मंदिर भी जाएंगे। आज रात वो अंबाजी में ही ठहरेंगे। कांग्रेस पार्टी का यह सॉफ्ट हिंदुत्व रुख उस समय देखने को मिला है, जब पार्टी गुजरात में सत्ता वापसी के लिए जोर लगा रही है। सियासी रणनीति के तहत ही राहुल के पहले दौरे से लेकर आखिरी दौरे यानी इस चैथे दौरे तक में जो भी कार्यक्रम बने वो हिन्दू धर्म के इर्द-गिर्द ही घूमते रहे।

मालूम हो कि इस दौरान राहुल के दौरे में कोई मुस्लिम नेता आस-पास भी नजर नहीं आया। इस गुजरात चुनाव में कांग्रेस ने मुस्लिम का मुद्दा भी नहीं उठाया। अब तक के चुनाव प्रचार में कांग्रेस ने या तो पाटीदार समुदाय या फिर नोटबंदी और जीएसटी का ही मुद्दा उठाया। इस दौरान राहुल गांधी के भाषणों में भी चुटीला अंदाज देखने को मिला। इस बीच सोशल मीडिया पर राहुल की लोकप्रियता भी काफी बढ़ी। ट्विटर पर राहुल के फॉलोवर्स की संख्या बढ़ने पर सवाल भी उठे, जिसका जवाब राहुल गांधी ने पीडी का वीडियो ट्वीट करके दिया। इसके बाद राहुल के पीडी ने ट्विटर पर जमकर धमाल मचाया और इस पर खूब बहस भी हुई। अब सवाल यह है कि क्या राहुल सॉफ्ट हिंदुत्व के सहारे गुजरात में अपनी फतह पताका फहरा पाएंगे।

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों गुजरात में तीन दिवसीय चुनावी दौरे पर हैं। भले ही फिलहाल वो चुनाव प्रचार में लगे हों, लेकिन इस साल उन्होंने कई मंदिरों में भी दर्शन किए। राहुल गांधी इस साल गुजरात के अपने पहले दौरे पर सबसे पहले द्वारकाधीश मंदिर में दर्शन किए। इसके बाद सुरेंद्रनगर जिले के चोटिला मंदिर में राहुल गांधी ने आशीर्वाद लिया। राहुल गांधी इस मंदिर तक 1000 सीढ़ियां चढ़कर गए। राहुल गांधी कगवाद् गांव में खादल धाम भी गए। यहां पटलीदारों ने राहुल गांधी का जोरदार स्वागत किया था।

यूपी विधानसभा चुनाव से शुरू हुई मंदिर यात्रा
इस साल राहुल गांधी करीब 16 मंदिरों की यात्रा पर गए हैं। उनकी यह यात्रा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से शुरू हुई थी जो अभी तक जारी है। मंदिरों की यात्रा में राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी को भी पीछे छोड़ दिया है। आमतौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही जगह-जगह मंदिरों की यात्रा करते हुए देखा गया है, लेकिन इस बार राहुल गांधी उनसे आगे हैं। 9 अक्टूबर से 11 अक्टूबर के बीच राहुल गांधी गुजरात में थे और इस दौरान वो नडियाड के संतराम मंदिर में भी गए और दर्शन किए।

राहुल गांधी ने फगवेल के भाथीजी महाराज मंदिर भी गए थे। यहां उन्होंने भगवान ने आगे माथा टेका और कीर्तन में भी भाग लिया था। इसके अलावा राहुल गांधी पावगढ़ के मां काली मंदिर और खेड़ा जिले के डाकोर मंदिर भी गए। गौरतलब है कि कुछ वक्त पहले गुजरात के सौराष्ट्र के दौरे के दौरान राहुल गांधी ने पांच मंदिरों को दौरा किया था। मध्य गुजरात के भी कई मंदिरों में उन्होंने दर्शन किए और अब राहुल गांधी गुजरात के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। शनिवार को राहुल गांधी यहां पहुंचे और सबसे पहले अक्षरधाम मंदिर गए।

मोदी के नक्शेकदम पर राहुल ?
माना जा रहा है कि राहुल गांधी की यह मंदिर यात्रा नरेंद्र मोदी का ही एक चुनावी पैंतरा है और इसके जरिए राहुल गांधी ठीक उसी तरह गुजरात में जीत का सपना देख रहे हैं जिस तरह मोदी सफल हुए थे। शायद इसीलिए गुजरात दौरे के दौरान राहुल गांधी भी भाथीजी महाराज मंदिर गए क्योंकि साल 2002 के दौरान गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भाथीजी मंदिर में पूजा करने और आशीर्वाद लेने के बाद अपनी गौरव यात्रा शुरू की थी और उसमें वो सफल हुए थे।

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