अमेरिका में अलकायदा नेता अनवर अल-अवलाकी को मदद पहुंचाने के आरोप में 39 वर्षीय एक भारतीय इंजीनियर को 27 साल कैद की सजा सुनाई गई है। भारतीय इंजीनियर पर अपने मुकदमे की सुनवाई कर रहे जज की हत्या के लिए फोन पर साजिश रचने का भी आरोप है।
भारतीय इंजीनियर पर आतंकियों की मदद करने का आरोप
याह्या फारूख मोहम्मद को जुलाई में आतंकियों को साजो सामान और दूसरे संसाधन उपलब्ध कराने, उन्हें गुप्त रखने और हिंसा की वकालत करने का दोषी पाया गया था।
जज को मारने की साजिश रचने का आरोप
अभियोजको ने कहा कि आतंकवाद के आरोपों में गिरफ्तारी के बाद मोहम्मद पर जेल के अंदर से उसके मामलों की सुनवाई कर रहे अमेरिकी जिला न्यायाधीश जैक जाउहरी की हत्या की साजिश रचने को लेकर मुकदमा चलाया गया।
न्यायपालिका को चुनौती
अमेरिकी अटॉर्नी जस्टिन हर्डमैन ने अपने एक बयान में कहा कि उसने हमारे नागरिकों, एक न्यायाधीश और स्वतंत्र न्यायपालिका की सुरक्षा को चुनौती दी है। जिसे अब जवाबदेह बनाया जा रहा है। 2017 के जुलाई महीने में 39 वर्षीय याह्या फारूक मुहम्मद ने अपना आरोप स्वीकार कर लिया था। वहीं सरकारी वकील ने बताया कि आतंकवाद के आरोप में गिरफ्तार होने के बाद उसने जेल से अमेरिकी जिला जज जैक जौहरी की हत्या की साजिश रची थी। लेकिन इस आरोप को मुहम्मद के वकील जज की हत्या की साजिश रचने के आरोप को पूरी तरह मनगढ़ंत और अविश्वसनीय बताया।
याह्या फारूख मुहम्मद को साल 2015 में उसके भाई इब्राहिम जुबेर मुहम्मद और दो भाइयों आसिफ अहमद सलीम एवं सुल्तान रूम सलीम के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था। जिसके बाद गिरफ्तार किये गये बाकी तीन लोगों ने खुद को मामले में निर्दोष बताया था। मालूम हो कि साल 2009 में मुहम्मद दो अन्य लोगों के साथ अवलाकी से मिलने यमन गया था जो 2011 में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया था। बाववजूद इसके वह अवलाकी से मिल नहीं पाया और उसने उसके सहयोगी को 22,000 डॉलर (करीब 14.3 लाख रुपये) दिए थे। याह्या फारूख मुहम्मद ने 2002 से 2004 तक ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग कि पढ़ाई की। मुहम्मद और उसका भाई के पास भारतीय नागरिकता हैं। दोनों ने अमेरिकी नागरिक से शादी कर ली है।