नोटबंदी के एक साल पूरे होने पर देश की अर्थव्वस्था, जीएसटी और नोटबंदी पर सत्तापक्ष और विपक्ष एक-दुसरे के आमने-सामने है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को नोटबंदी को देश के लिए ब्लंडर, विनाशकारी अर्थव्वस्था करार दिया। उन्होंने कहा कि हमने नोटबंदी का असर जीडीपी पर देखा। उन्होंने बताया कि हरेक परसेंट का मतलब 1.5 लाख करोड़ रुपये है। इसका अर्थ है कि देश में कितने लोगों की नौकरी चली गई, कितने उद्योग बंद हो गए। इसका एक और ट्रेजडी यह रही कि मोदी सरकार ने इससे कुछ नहीं सीखा। किसान, छोटे व्यापारियों को इससे काफी परेशानी हुई बावजूद इसके बिना प्लान के एक अधूरा जीएसटी गलत तरीके से लागू कर दिया गया। जिसकी वजह से सबों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मंगलवार को गुजरात चुनाव के मद्येनजर डाॅ. मनमोहन सिंह अहमदाबाद के शाहीबाग इलाके में सरदार पटेल स्मारक परिसर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये सरकार पर करारा वार किया। गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को मजबुती देने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को अहमदाबाद में जीएसटी एवं अन्य मुद्यों पर छोटे व्यापारियों को संबोधित किया।
मालूम हो कि डाॅ. मनमोहन सिंह का गुजरात दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब 8 नवंबर को देश नोटबंदी का सालगिरह मना रहा है। कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल इस दिन को ‘‘काला दिवस’’ के रूप में मनाने की तैयारी कर रहा है। सभा संबोधित करते उन्होंने कहा कि 8 नवंबर भारत के लोकतंत्र के इतिहास का काला दिन है। दुनिया में किसी भी देश ने ऐसा फैसला नहीं लिया जिसमें 86 फीसदी करेंसी को एक साथ वापस ले लिया हो। मनमोहन सिंह ने कहा कि कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए नोटबंदी का फैसला काफी गलत था। उन्होंने बताया कि हमारी सरकार की सोच टैक्स को सरल करना थी। एक टैक्स लाकर, ताकि व्यापारियों और आम लोगों का भला हो, पर इस जीएसटी में ऐसा नहीं है। इस सरकार ने हमारी संसद के भीतर और निजी मुकालतों में हुईं बातें नहीं सुनी। जीएसटी छोटे कारोबारियों के लिए बुरे सपना जैसा बन गया है। नोटबंदी की तरह ही जीएसटी को लेकर भी बार-बार नियम बदलने से दिक्कत बढ़ी है। इससे टैक्स टेरिरिज्म बढ़ा है। पूर्व पीएम ने कहा कि जो मैंने संसद में कहा था वही आज भी कहूंगा कि नोटबंदी होने के कारण लोगों की मुश्किलें बढ़ी हैं। यह कारोबारियों पर एक टेक्स टेररिज्म की तरह लागू हुआ है। उन्होंने बताया कि नोटबंदी और जीएसटी के कारण भारत की अर्थव्यवस्था को दोहरा झटका लगा, इसकी वजह से छोटे कारोबार की कमर टूट गई।
मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी पर सीधा वार करते हुए कहा कि नोटबंदी के फैसले को लोगों पर थोपा गया था। जब नोटबंदी का ऐलान हुआ तो ये सुनते ही मुझे झटका लगा था। क्या जीडीपी और नोटबंदी पर सवाल करने वाला एंटी नेशनल हो जाता है। नोटबंदी एक तरह की संगठित लूट थी। उन्होंने बताया कि देश ने दो महान गुजरातियों को देखा है। महात्मा गांधी ने कहा था कि जब भी आप डाउट में रहे तो गरीबों के बारे में सोचें। क्या पीएम मोदी ने नोटबंदी का फैसला लेने से फैसले गरीबों के बारे में सोचा था। क्या उन्होंने इनफॉर्मल सेक्टर के बारे में सोचा था। उन्होंने कहा कि अगर पीएम मोदी ने फैसला लेते वक्त महात्मा गांधी की बातों पर ध्यान दिया होता तो गरीबों को मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ता। उन्होंने कहा कि मैने भी पंजाब में गरीबी देखी है। पंजाब में बंटवारे के वक्त दंश झेला है। मेरे जीवन में कांग्रेस की नीतियां प्रभावकारी रहीं। हमने 140 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकाला. किसी सरकार ने ये अचीव नहीं किया था।
मनमोहन ने कहा – मोदी मानें अपनी गलती
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने सोमवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह स्वीकार करना चाहिए कि नोटबंदी का फैसला एक बहुत बड़ी गलती थी और उन्हें अपनी गलती मान कर अर्थव्यवस्था को सुधारने का काम करना चाहिए।
नौकरियों पर पड़ा सीधा असर
मनमोहन सिंह ने कहा कि इसका (नोटबंदी का) तुरंत असर नौकरियों पर पड़ा है। हमारे देश की तीन चैथाई गैर-कृषि रोजगार छोटे और मझोले उद्यमों के क्षेत्र में हैं। नोटबंदी से इस क्षेत्र को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। इसलिए नौकरियां चली गईं और नई नौकरियां पैदा नहीं हो रही हैं।
8 नवंबर को सरकार बनाम विपक्ष
गौरतलब है कि 8 नवंबर को नोटबंदी की पहली सालगिरह है। इस मौके पर पूरे देश में विपक्ष कालाधन दिवस मनाएगा और सरकार के इस फैसले का विरोध करेगा। तो वहीं दूसरी तरफ सरकार की ओर से भी एंटी ब्लैक मनी डे मनाने की तैयारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद रैलियों में इसका ऐलान कर चुके हैं।