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नोटबंदी सालगिरह के दो दिन पूर्व हुये खुलासे में पैराडाइज पेपर्स लिस्ट में 714 भारतीयों के नाम शामिल

मोदी सरकार के द्वारा नोटबंदी लागू करने के एक साल पूरे होने के दो दिन पूर्व ही पनामा पेपर्स के बाद काले धन को लेकर अब पैराडाइज पेपर्स के रूप में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। मालूम हो कि पैराडाइज पेपर्स में 1 करोड़ 34 लाख दस्तावेज हैं, जिनमें दुनिया के कई अमीर और शक्तिशाली लोगों के गुप्त निवेश की जानकारी है।
जर्मनी के जीटॉयचे साइटुंग नामक अखबार ने करीब 18 महीने पहले पनामा पेपर्स का खुलासा किया था। अब 96 मीडिया ऑर्गेनाइजेशन ने साथ मिलकर इंटरनैशनल कॉन्सोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) ने ‘‘पैराडाइज पेपर्स’’ दस्तावेजों की छानबीन की है। ‘‘पैराडाइज पेपर्स’’ में 1.34 करोड़ दस्तावेज शामिल हैं, जिनमें दुनिया के कई अमीर और शक्तिशाली लोगों के गुप्त निवेश की जानकारी दी गई है।

‘‘पैराडाईज पेपर्स’’ के खुलासे में कई नामचीन हस्तियों के नाम सामने आये हैं। इसके जरिये उन फर्मों और फर्जी कंपनियों के बारे में बताया गया है जो दुनिया भर में अमीर और ताकतवर लोगों का पैसा विदेशों में भेजने में उनकी मदद करते हैं। इन पेपर्स में कई भारतीय राजनेता, अभिनेता और बड़े कारोबारी भी शामिल हैं।
इस कंसोर्टियम में शामिल अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, पैराडाइज पेपर्स में 180 देशों के लोगों की जानकारियां मिली हैं। इसमें ब्रटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कई मंत्रियों, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूंडो के मुख्य फंडरेजर का नाम भी इसमें शामिल है। रूस की ऊर्जा फर्म में व्लादिमीर पुतिन के दामाद का नाम भी सामने आया है। इसमें पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शौकत अजीज सहित दुनिया के 120 नेताओं के नाम हैं। अखबार के मुताबिक, यह बस शुरुआती खुलासा है और अभी ऐसे 40 से ज्यादा बड़े खुलासे और किए किए जाएंगे।

714 भारतीयों के भी नाम शामिल
भारत इस इस लिस्ट में 19वें नंबर पर है। मोदी सरकार में मौजूदा विमानन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा और  बिहार से सांसद रविंद्र किशोर (आरके) सिन्हा के नाम की भी चर्चा है। पैराडाइज पेपर्स की लिस्ट में अभिनेता अमिताभ बच्चन, विजय माल्या के नाम शामिल है। लिस्ट में अमिताभ बच्चन के बरमूडा में एक कंपनी में शेयर्स होने का भी खुलासा हुआ है। इसमें संजय दत्त की पत्नी मान्यता दत्त का भी नाम इसमें शामिल है। मान्यता के अलावा इस लिस्ट में जालंधर के पवितार सिंह उप्पल, कोटा के रवीश भडाना, गाजियाबाद की नेहा शर्मा और मोना कलवानी, हैदराबाद के वेंकटा नरसा रेड्डी अतुनूरी और पार्थ सारथी रेड्डी बंदी, मुजफ्फरपुर से अल्पना कुमारी, अंजना कुमारी और अर्चना कुमारी, मुंबई से दीपेश राजेंद्र शाह के नाम शामिल हैं।

जयंत सिन्हा ने सफाई देते हुए कहा है कि सितंबर 2009 में वह ओमिद्यार नेटवर्क से बतौर मैनेजिंग डायरेक्टर जुड़े थे। वह दिसंबर 2013 तक कंपनी में रहे, जिसके बाद जनवरी 2014 से नवंबर 2014 तक वह डिलाइट के स्वतंत्र निदेशक रहे। उन्होंने कहा कि मंत्री बनने से पहले ही उन्होंने ये कंपनी छोड़ दी थी और इससे मिली फीस व डिलाइट के शेयर पहले ही सार्वजनिक कर रखे हैं।

मालूम हो कि पिछले साल 8 नवंबर 2016 को मोदी सरकार ने कालेधन पर कड़ा कदम उठाते हुए पुराने 500 और 1000 रुपए के नोट बंद कर दिए थे। तब उम्मीद की जा रही थी की काला धन बाहर आएगा लेकिन इसके बाद भी उम्मीद से काफी कम मात्रा में काला धन बाहर आया और इसके बड़े हिस्से की हेरा-फेरी होने की बात सामने आई। बता दें कि पनामा पेपर्स के खुलासे ने दुनिया भर में हलचल मचाई थी। पनामा पेपर्स में नाम सामने आने के कारण पाकिस्तान में नवाज शरीफ सहित कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों को अपने पद से हाथ धोना पड़ा था। इसमें भी अमिताभ बच्चन से लेकर ऐश्वर्या राय बच्चन तक का नाम शामिल थे।

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