नई दिल्लीः मौसम चुनावी हो और नेताओं के शब्दवाण धरे के धरे रह जाएं ऐसा हो हीं नहीं सकता। अब गुजरात और हिमाचल के चुनावी मैदान को हीं ले लीजिए जहां इन दिनों कांग्रेस द्वारा लगातार शब्दवाणों की बौछार कि जा रही है जिसके निशाने पर कोई और नहीं केंद्र की सत्ताधारी भाजपा है। चुंकि मौका भी है और दस्तुर भी लिहाजा इस बार कांग्रेस बीजेपी पर निशाना साधने में कोई भी मौका गंवाना नहीं चाहती है। ऐसे में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी जहां दोनो राज्यों में लगातार रैलियां कर बीजेपी पर हमला बोल रहे हैं वहीं सोशल मीडिया पर भी वे बेहद सक्रिय हैं और लगातार बीजेपी को घेरते दिख रहे हैं। राहुल ने इस बार बढ़ती महंगाई और नोटबंदी को मुद्दा बनाकर बीजेपी को आड़े हाथों लिया है।
पिछले कुछ दिनों से राहुल गांधी लगातार ‘ट्वीट बम’ गिराकर बीजेपी सरकार को घेरने में लगे हैं। राहुल गांधी के ऑफिशयल ट्विटर से महंगाई के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरते हुए एक वेबसाइट की ख़बर को शेयर करते हुए लिखा गया है कि गैस, राशन सब महंगा हो गया है और अब खोखले भाषण देना बंद करना चाहिए। आगे लिखा है कि सरकार जनता को काम दे, नहीं तो सिंहासन छोड़ दे। राहुल ने जिस तुकबंदी के साध मोदी सरकार पर निशाना साधा है वह बेहद दिलचस्प है।
एक चुनावी सभा के दौरान सरकारी तेल कंपनियों द्वारा लगातार रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि की घोषणा का उल्लेख करते हुए राहुल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा की एलपीजी सिलेंडर की कीमत 4.50 रुपये बढ़ा दी गई है, जबकि गैर सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत में 93 रुपये का इजाफा किया गया है।
शनिवार को हीं राहुल गांधी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल के बेटे को लेकर तंज कसा है। इस संबंध में राहुल ने शनिवार की सुबह एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने एक वेबसाइट की खबर को शेयर किया है , जिसमें अजित डोवाल के बेटे को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए गए थे।
इससे पहले भी राहुल गांधी ने एक वेबसाइट की खबर को आधार बनाकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को घेरने की कोशिश की थी जिसमें राहुल ने पीएम मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए तंजिया लहजे में ट्वीट किया, ‘मोदीजी, जय शाह- ‘जादा’ खा गया। आप चौकीदार थे या भागीदार? कुछ तो बोलिए।’
इस मामले को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष ने रविवार को भी ट्वीट कर कहा था, ‘आखिरकार हमें नोटबंदी का एकमात्र लाभार्थी मिल गया। यह आरबीआई, गरीब या किसान नहीं है। यह नोटबंदी के शाह-इन-शाह हैं। जय अमित।’