नई दिल्ली। महंगाई की मार के बीच अब केवल कार और बाइक खरीदना ही नहीं बल्कि उसका बीमा करवाना भी महंगा हो गया है। बीमा नियामक इरडा ने मोटर बीमा में बीमा करने वाले एजेंट्स को मिलने वाले कमीशन को बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी का सीधा असर बीमा किश्त पर पड़ने वाला है। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्रधिकरण (इरडा) ने दोपहिया बीमा कमीशन 15 फीसद से बढ़ाकर 17.5 फीसद कर दिया है। यानि कि मोटर बीमा के एजेंट्स को अब 2.5 फीसद अतिरिक्त कमीशन मिलेगा। हालांकि कार और एसयूवी के कॉम्प्रेहैंसिव बीमा पॉलिसी पर मिलने वाला अधिकतम कमीशन 15 फीसद के स्तर पर ही बरकरार रहेगा। नियामक ने गैर जीवन बीमा पॉलिसियों का अधिकतम कमीशन 10 फीसद से बढ़ाकर 15 करने के लिए हरी झंडी दे दी गई है। इरडा ने सामान्य बीमा कंपनियों को नए कमीशन दिशा निर्देशों के मुताबिक मोटर बीमा के प्रीमियम में पांच फीसद की कमी या पिर बढ़ोतरी करने की अनुमति दे दी है।
मोटर बीमा की यह नई दरें एक नवंबर से लागू हो गई हैं। माना जा रहा है कि दोपहिया वाहनों के बीमा पर कम कमीशन के चलते एजेंट इसे करवाने में ज्यादा रुचि नहीं दिखाते थे। साथ ही कमीशन को बढ़ाए जाने की मांग काफी समय से चल रही थी। जानकारी के लिए बता दें कि देश में दो तरह के इंश्योंरेंस कवरेज होते हैं। पहला कम्प्रीेहेंसिव और दूसरा थर्ड पार्टी होता है। कम्प्रीीहेंसिव के तहत गाड़ी के पूरे डैमेज और चोरी को कवर किया जाता है जबकि दूसरे के तहत सिर्फ थर्ड पार्टी को कवर किया जाता है। थर्ड पार्टी की स्थिति में पहले एजेंट का कमीशन तय नहीं था। कंपनियां मौटे तौर पर उन्हें 100 रुपये से 150 रुपए दिया करती थीं। लेकिन अब उन्हें सालाना प्रीमियम का 2.5 फीसद कमीशन के रूप में मिलेगा।