नई दिल्ली- जीएसटी के तहत राजस्व संग्रह कमोबेश अनुमान के अनुरूप ही है। ऐसे में कर संग्रह के वार्षिक लक्ष्य में किसी बदलाव की कोई योजना नहीं है। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) की अध्यक्ष वनजा एन. सरना ने सोमवार को यह बात कही।
सरना ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में सीमा शुल्क विभाग ने 9.68 लाख करोड़ रुपये के राजस्व संग्रह का लक्ष्य रखा है। एक जुलाई को जीएसटी लागू होने के बाद से संग्रह कमोबेश लक्ष्य के अनुरूप ही है। जीएसटी के तहत लक्ष्य से चूकने की आशंका पर उन्होंने कहा कि अभी इस बारे में कुछ कहना मुश्किल है। बीते दिन मीडिया रिपोर्टों में उनके बात से कहा गया था कि जीएसटी के कारण अप्रत्यक्ष कर संग्रह लक्ष्य से कम रह सकता है। वनजा ने कहा कि जीएसटी लागू हुए अभी सिर्फ दो-तीन हुए है। ऐसे में अभी कुछ भी कहना मुश्किल है। पिछले हफ्ते सरकार ने बताया था कि सितंबर में जीएसटी से कर संग्रह 92,150 करोड़ रुपये रहा। जुलाई में कर संग्रह क्रमश: 95,000 करोड़ और 91,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रहा था।
बिना हस्ताक्षर के बिल की मांगी अनुमति
खुदरा व्यापारियों को बिना हस्ताक्षर के बिल जारी करने की अनुमति मिलनी चाहिए। रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआइ) ने इसकी मांग करते हुए सरकार को पत्र लिखा है। आरएआइ के निदेशक गौतम जैन ने इस संबंध में केंद्र सरकार के अप्रत्यक्ष कर आयुक्त को पत्र लिखा है। आरएआइ का कहना है कि जीएसटी के तहत बिल पर प्रमाणित व्यक्ति के हस्ताक्षर होने चाहिए। खुदरा व्यापारी कई बिल जारी करते हैं इसलिए उनके लिए इन पर हस्ताक्षर करना व्यावहारिक तौर पर मुश्किल होगा। वहीं हर बिल पर डिजिटल हस्ताक्षर करने के लिए प्रत्येक पीओएस मशीन के लिए डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट युक्त यूएसबी रखना होगा।