महाराष्ट्र में देवेन्द्र फड़णवीस सरकार के 3 साल पूरे होने पर आजतक ‘मुंबई मंथन’ लेकर आया है. मुंबई के आईटीसी ग्रैंड सेंट्रल में आयोजित इस कार्यक्रम में सरकार के बखान और कमियों पर मुंबई मंथन के मंच से राज्य के सियासी दिग्गज अपनी बात रख रहे हैं. बात मुंबई की है तो चर्चा बॉलीवुड की भी हो रही है. तब्बू से लेकर जायरा वसीम तक एंटरटेनमेंट की दुनिया के शानदार और जबरदस्त साल पर अपनी बात रखेंगे.
अजान करे परेशान!
मुंबई मंथन के आठवें सेशन ‘अजान करे परेशान!’ में गायक सोनू निगम ने कहा कि लाउड स्पीकर की समस्या मेरे स्टूडियो में है. हर इंसान का फर्ज बनता है कि जो उसे गलत दिखे वो आवाज उठाए उस तकलीफ का हिस्सा ना बने.
उन्होंने कहा कि अजान मामले में धर्म भी जुड़ गया था. भारत में लोग बात का मर्म नहीं समझते, उसे ऊपरी तौर पर देखते हैं. उसी ट्वीट में मैंने मंदिर, गुरुद्वारे के बारे में लिखा है, लेकिन अजान को हाइलाइट किया गया.
सोनू के कबहा कि 10 के बाद कोर्ट का ऑर्डर है आप आवाज नहीं कर सकते. सुबह हो या रात, जब शांति की बात हो तब आप आवाज नहीं कर सकते. बॉलीवुड भी बंट गया था उस ट्वीट पर. मैं हैरान हूं. मैं धार्मिक नहीं हूं, लेकिन मैं आस्तिक हूं. मुझे सबमें ईश्वर दिखता है. मैं सारे धर्म में विश्वास रखता हूं.
उन्होंने कहा कि मेरे करीबी दोस्त उस समय मेरे विरोध में आ गए. हालांकि सब इसके विरोध में नहीं थे. आज कई लोग मेरे कदम की सराहना करते हैं. मैं किस देश में रहता हूं. बात बात पर फतवा जारी होता है? मुंबई में मैंने सब कुछ देखा पाया. मैंने सीखा है कभी गलत संगत में ना रहो. मैं गलत लोगों के साथ नहीं घूमता. गाली देने वालों के साथ नहीं रहता. ट्विटर ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहां कोई किसी को भी गाली दे सकता है.
सोनू ने बताया कि मैं सिंगापुर में था, लोगों ने पूछा कि सिनेमा हॉल में राष्ट्रीय गान होना चाहिए या नहीं. मैंने कहा- इसे आप रेस्टोरेंट, मूवी हॉल में बजाकर छोटा ना करिए. मैं अपने मां-बाप को वहां ले जाऊंगा जहां उनकी इज्जत होगी. मेरे हिसाब से थिएटर में राष्ट्रीय गान नहीं बजवाना चाहिए और अगर बज रहा है तो सबको खड़ा होना चाहिए. इसमें क्या एरोगेंस. मैं दूसरों के राष्ट्र गान के लिए भी खड़ा होऊंगा. मैं लेफ्टिस्ट नहीं हूं ना राइट विंग में हूं. मैं बीच में हूं.
‘मुझे इंडस्ट्री में जल्दी कुछ नहीं मिला’
सोनू निगम ने कहा कि ‘अच्छा सिला दिया’ अच्छा हिट था. फिर काम नहीं मिल रहा था. ‘फिर संदेशे आते हैं…’ मिला. ‘ये दिल दिवाना…’ से मेरी पहचान बनी. मेरा करियर एक गाने से नहीं बना. जल्दी सफलता मिलती तो मुझसे पचती नहीं. अचानक सब मिलता तो मैं पागल हो जाता.
उन्होंने कहा कि इंसान की औकात नहीं होती कोई क्रेडिट लेने का. यूनिवर्स ही सबको देता है. लोग मेहनत करते हैं लेकिन भगवान ही सबको देते हैं. पहले लव लेटर्स बहुत आते थे. इंटरनेट आने के बाद बंद हो गया. whatsapp भी छोड़ दिया. बहुत ग्रुप बनते थे दोस्तों के इसलिए छोड़ दिया. पहले खून के लिखे लेटर्स भी आते थे. अब वो जमाना नहीं रहा. अब फेसबुक के जरिए लोग संपर्क करते हैं.
नए जमाने के गायकों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आजकल अरिजीत, अरमान मलिक अच्छा गा रहे हैं. कई सिंगर्स गाना भी नहीं जानते, वो भी गा रहे हैं. मैंने रफी साहब को आदर्श माना, लेकिन उनकी तरह बनने की कोशिश नहीं की. सबकी अलग पहचान होती है. मैं खुद क्या चीज हूं, ये सोचना चाहिए.
मुंबई में हुई भारी बारिश पर सरकार को क्या कहना चाहेंगे? के सवाल पर उन्होंने कहा कि नागरिक के तौर पर कह रहा हूं, किसी से गिला शिकवा नहीं है. मुंबई सरकार 3 साल की हुई हैं. इनका प्रयास दिख रहा है. भविष्य में चाहूंगा कि यातायात और सड़क के हालात ठीक हों.