जम्मू सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने जम्मू-कश्मीर में चोटी कटने की घटनाओं को कानून व्यवस्था का मामला करार दिया है। जनरल रावत ने शनिवार को कहा कि चोटी कांड कानून व्यवस्था का मामला है और इससे निपटने के लिए कश्मीर पुलिस कार्रवाई कर रही है। देश भर में चोटी कटने की घटनाएं हुई हैं। बता दें कि चोटी कटने की घटनाओं ने जम्मू-कश्मीर में गंभीर रूप ले लिया है। पिछले दिनों कश्मीर के लोगों ने एक मानसिक रूप से रोगी व्यक्ति की पिटाई कर दी थी।
चोटी कांड पर अलगाववादियों ने आज घाटी में बंद बुलाया गया है। जनरल रावत ने कहा, ‘कश्मीर घाटी में सुरक्षा हालात बेहतर हो रहे हैं और जो कुछ भी घटनाएं हो रही हैं, वे आतंकियों की हताशा को दर्शाती हैं।’ उन्होंने कहा, ‘कश्मीर में हम सरकार के दृष्टिकोण के हिसाब से चल रहे हैं और एनआईए के छापे उसी का हिस्सा है।’ पाकिस्तान से बातचीत पर जनरल रावत ने कहा कि सेना को जो भी काम मिला है, उसे वह पूरा कर रही है। किसी भी प्रकार की बातचीत के लिए फैसला राजनीतिक स्तर पर होगा उन्होंने कहा, ‘कट्टरपंथ को पूरे विश्व में बढ़ावा मिल रहा है और हम इससे गंभीरतापूर्वक निपट रहे हैं।’
जनरल रावत ने कहा कि सोशल मीडिया से कट्टरपंथी ताकतों को मदद मिल रही है। शुक्रवार को एक मानसिक रोगी बारामूला जिले के सोपोर में फंस गया था। स्थानीय लोगों ने उसे चोटीकटवा समझ लिया। इस संदेह के कारण लोगों ने उसे पीटना शुरू कर दिया। भीड़ इतनी आक्रामक थी कि अगर पुलिस बचाव के लिए वहां नहीं पहुंचती तो मानसिक रोगी की मौत हो सकती थी। पुलिस के मुताबिक युवक को जलाने की कोशिश भी की गई। उधर, पिछले दिनों कुपवाड़ा शहर में स्थानीय लोगों ने एक सैनिक पर चोटी काटने का आरोप लगाकर उसकी बुरी तरह से पिटाई कर दी थी। उसे किसी तरह से भीड़ से बचाया गया। सैनिक को बचाए जाने के बाद इलाके में लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। 5 अक्टूबर की रात को गुस्साई भीड़ ने चोटीकटवा समझकर एक 70 वर्षीय बुजुर्ग की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
कश्मीर के विभिन्न भागों में पिछले एक माह में चोटी कटने की 130 से अधिक घटनाएं हुई हैं। पुलिस इस संबंध में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। इस घटनाओं को अंजाम देने वालों को पकड़ने के लिए विशेष जांच दल गठित किया है। पुलिस ने चोटीकटवा को पकड़वाने की सूचना देने वाले को 6 लाख रुपये देने की घोषणा भी की है।