गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने बड़ा दांव खेला है। कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ मिलकर चुनाव लड़ने के लिए पाटीदार नेता हार्दिक समेत दूसरे युवा नेताओं को साथ आने का न्योता दिया है। इसके साथ ही बीजेपी विरोधी ध्रुवों को साथ आने का निमंत्रण दिया है। गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने सार्वजनिक तौर पर बीजेपी विरोधी नेताओं को ये न्योता भेजा है। सोलंकी ने जनता दल यूनाइटेड के नेता छोटू भाई वसावा को भी साथ आने का निमंत्रण भेजा है। वसावा वही नेता हैं, जिन्होंने पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल को वोट देने का दावा किया था। वो पटेल के काफी करीबी माने जाते हैं।
इनके अलावा ओबीसी एससी-एसटी एकता मंच के नेता अल्पेश ठाकोर और दलितों के खिलाफ होने वाले उत्पीड़न की आवाज उठाने वाले जिग्नेश मेवानी को भी कांग्रेस की तरफ से साथ आने का निमंत्रण दिया गया है। इस ऐलान के साथ ही सोलंकी ने ये भी कहा कि चुनाव के लिए सभी विकल्प खुले हैं। उन्होंने बताया कि जो नेता कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़ना चाहते हैं, उनका भी स्वागत है। इसके साथ ही अगर वो स्वतंत्र रूप से चुनाव में जाना चाहते हैं, तो कांग्रेस उन्हें समर्थन देने के लिए तैयार है।
हार्दिक ने किया था ये ट्वीट
कांग्रेस के इस ऐलान से कुछ घंटे पहले ही पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने ट्विटर पर चुनाव न लड़ने का ऐलान किया था। उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘मुझे चुनाव नहीं लड़ना और चुनाव लड़ने का हमारा स्वार्थ भी नहीं है। हमें अधिकार चाहिए और न्याय, हम अहंकार के सामने लड़ रहें हैं। जीत हमारी होगी’।
कांग्रेस का ये ऐलान ऐसे वक्त में किया गया जब 23 अक्टूबर को ओबीसी एससी-एसटी एकता मंच के संयोजक अल्पेश ठाकोर की अहमदाबाद में रैली होने वाली है। इस रैली को ‘जनादेश सम्मेलन’ का नाम दिया गया है। गुजरात के चुनावी रण में ओबीसी वोटों का कितना महत्व है, ये इसी से साफ है कि राज्य में 54 फीसदी ओबीसी यानी अति पिछड़े वर्ग की आबादी है। यही वजह है कि अल्पेश चुनावी चौसर पर अपने दांव बहुत चतुराई से चल रहे हैं। अल्पेश दावा कर रहे हैं कि इस रैली में 5 लाख से ज्यादा लोग हिस्सा लेंगे। अल्पेश इसी रैली में गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए अपनी रणनीति की घोषणा करेंगे।
दरअसल, अल्पेश सार्वजनिक मंचों से बीजेपी को हराने की हर मुमकिन कोशिश की घोषणा कर चुके हैं। वहीं पाटीदारों की आरक्षण मांग पूरी न होने से नाराज चल रहे पाटीदार नेता हार्दिक पटेल भी बीजेपी के खिलाफ खुलेआम मोर्चा खोल चुके हैं। दूसरी तरफ जिग्नेश मेवानी गुजरात में दलितों पर उत्पीड़न के खिलाफ मुखर होकर सामने आए हैं। ऐसे में ये तीनों युवा नेता सीधे तौर पर बीजेपी के लिए चुनौती बने हुए हैं। यही वजह है कि कांग्रेस अलग-अलग जातीय समीकरणों का समर्थन रखने वाले इन युवा नेताओं को साथ लाकर गुजरात में 22 साल के सूखे को खत्म करने की रणनीति पर काम कर रही है।