श्रीलंका क्रिकेट टीम 2009 में पाकिस्तान में अपनी तत्कालीन टीम की बस पर हुए आतंकवादी हमले को भूल नहीं पाई है और इसी कारण वह दोनों देशों के बीच होने वाली टी-20 सीरीज के तीसरे मैच के लिए लाहौर जाने से इनकार कर रही है।
मौजूदा श्रीलंका टीम के खिलाड़ी उस हादसे के कारण पाकिस्तान लौटना नहीं चाहते। उनकी मांग है कि तीसरा मैच बाकी मैचों की तरह किसी तटस्थ स्थान पर कराया जाए। श्रीलंका क्रिकेट के अधिकारी हालांकि अपनी टीम के खिलाड़ियों को मनाने में लगे हुए हैं।
क्रिकइंफो की रिपोर्ट के मुताबिक, बोर्ड अपनी कार्यकारी समिति में सोमवार को इस मामले पर चर्चा करेगा। एक खिलाड़ी ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि खिलाड़ी वहां जाने के लिए तैयार होंगे।’ 2009 में जिस श्रीलंकाई टीम पर हमला हुआ था उसके दो खिलाड़ी चमारा कपुगेदरा और सुरंगा लकमल मौजूदा टीम के भी सदस्य हैं।
एसएलसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एशेल डी सिल्वा ने कहा है कि खिलाड़ियों की सुरक्षा हमारे लिए प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, “इस पर फैसला कार्यकारी समिति की बैठक के बाद लिया जाएगा।’ एसएलसी के अन्य अधिकारी जिनमें बोर्ड के अध्यक्ष थिलंगा सुमाथिपाला चाहते हैं कि टीम पाकिस्तान जाए। अगले कुछ दिनों में बोर्ड खिलाड़ियों से इसके लिए दरख्वास्त करेगा।
2009 में लाहौर में खेले जा रहे टेस्ट मैच के लिए स्टेडियम जाते समय श्रीलंका क्रिकेट टीम पर आतंकवादी हमला हुआ था। इस हादसे के बाद बाकी के सभी देशों ने पाकिस्तान में क्रिकेट खेलने से इनकार कर दिया था।
हाल ही में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने वर्ल्ड इलेवन के साथ तीन टी-20 मैचों की सीरीज का आयोजन करते हुए अपने देश में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की बहाली की कोशिश की थी।