इस्लामाबाद : पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि यदि अमेरिका इस बात के सुबूत दे कि पाक के भीतर आंतकवादी संगठन हक्कानी नेटवर्क के सुरक्षित पनाहगाह हैं तो वे उन्हें नष्ट करने के लिए अमेरिका के साथ संयुक्त अभियान के लिए तैयार हैं। ख्वाजा आसिफ का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अगस्त में पाकिस्तान पर आतंक और अराजकता के एजेंटों को और पिछले 17 वर्ष में अफगानिस्तान में उन दुश्मनों जिनसे अमेरिकी सेना लड़ाई लड़ रही है को शरण देने का आरोप लगाए जाने के बाद आया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अगर ट्रंप प्रशासन ने हम पर और दबाव डाला तो मित्र देश खासतौर पर चीन, रूस, ईरान और तुर्की हमारे पक्ष में खड़े होंगे।
हाल ही में अमेरिका में ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करके लौटे आसिफ ने एक्सप्रेस न्यूज से कहा, हमने अमेरिकी अधिकारियों को पाकिस्तान में हक्कानी नेटवर्क के सुरक्षित पनाहगाह होने के सुबूतों के साथ आने का न्योता दिया है। उन्होंने कहा, अगर वे लक्षित क्षेत्रों में कोई गतिविधि (हक्कनी की) पाते हैं तो हमारी सेना अमेरिका के साथ मिल कर उन्हें हमेशा के लिए नष्ट कर देगी। विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने इस माह के शुरुआत में अफगानिस्तान की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात करके उन्हें भी इसी तरह की पेशकश की थी।
अमेरिकी आलोचना के संबंध में पूछे जाने पर आसिफ ने कहा, अगर ट्रंप प्रशासन ने हम पर और दबाव डाला तो मित्र देश खासतौर पर चीन, रूस, ईरान और तुर्की हमारे पक्ष में खड़े होंगे। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी रक्षा और विदेश मंत्री हम पर तानाशाही करते हैं, तो हम उनकी तानाशाही मानने से इनकार कर देंगे…..और अब हम वो करेंगे जो हमारे देश के हित में होगा।
उल्लेखनीय है कि हाल के दिनों में अमेरिका व पाकिस्तान के रिश्ते सामान्य नहीं हुए हैं। अमेरिका ने चीन और पाकिस्तान के बीच बनने वाले कॉरिडोर के मुद्दे पर भारत के स्टैंड का समर्थन किया है। हाल में अमेरिका ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि वह पाकिस्तान की गैर नाटो सहयोगी देश का दर्जा खत्म कर सकता है। उसने आर्थिक सहायता रोकने की भी चेतावनी दी है।