पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मोकामा में शनिवार को एक साथ सार्वजनिक मंच पर होंगे। प्रधानमंत्री बनने के बाद दोनों एक साथ कई जगहों पर सार्वजनिक मंच पर आ चूके हैं, लेकिन सहयोगी बनने के बाद यह पहला मौका होगा जब किसी जनसभा में दोनों नेता साथ होंगे। इस कार्यक्रम के बाद हालांकि रविवार को पटना यूनिवर्सिटी का शताब्दी समारोह है। इसमें कई केंद्रीय मंत्री मंच पर इन लोगों के साथ होंगे। हालांकि मोकामा जो एक जमाने में नीतीश कुमार के संसदीय क्षेत्र बाढ़ का हिस्सा था। नीतीश ने लोकसभा में पांच बार बाढ़ संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधिव किया है। मोकामा की सभा में कई परियोजनाओं का शिलान्यास किया जाएगा। इसमें गंगा नदी पर एक 6 लेन का ब्रिज के अलावा बख्तियारपुर से मोकामा के बीच फोर लेन सड़क का निर्माण भी शामिल है। इसके अलावा कोसी नदी पर भी मधेपुरा जिले में एक पुल पर निर्माण कार्य की शुरुआत की जायेगी की जाएगी। इसके अलावा नममि गंगे परियोजना के तहत बिहार के विभिन्न शहरो में बीच अलग-अलग सीबरेज प्रोजेक्ट पर भी कार्य शुरू किया जाएगा।
निश्चित रूप से इन परियोजनाओं पर काम शुरू होने के बाद राज्य के विकास को एक गति मिलेगी, लेकिन सबकी निगाहे दोनों नेताओं के मिलन पर होगी। भाजपा ने अभी से इस सभा में अधिक से अधिक लोगों को लाने के लिए विधायकों और जिला अध्यक्षों को टार्गेट दिया है। हालांकि अभी से जनता यूनाइटेड ने भी इस सभा के लिए तैयारी शुरू कर दी है।
आगामी लोकसभा चुनाव में नीतीश के एनडीए में आने के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि बिहार में पिछले लोकसभा चुनाव से भी बेहतर परिणाम होगा। हालांकि देखना यह होगा कि अबतक एक दूसरे पर जमकर हमला बोलने वाले एक दूसरे की तारीफ कैसे और किन शब्दों से करते हैं।
NDA में शामिल होने के बाद पहली बार मंच साझा करेंगे मोदी और नीतीश कुमार
