वित्तीय मुश्किलों में घिरी जेपी इंफ्रा को सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से इनकार करते हुए कंपनी को 2000 करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश दिया है।
दरअसल जेपी इंफ्राटेक के दिवालिया घोषित किए जाने के मामले पर पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी को यह रकम जमा कराने का आदेश दिया था, जिसके बाद जेपी इंफ्रा ने कोर्ट से राहत देने की गुहार लगाई थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उसकी याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया और कहा कि हम अपने आदेश में कोई संशोधन नहीं करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मामले की सुनवाई में कहा कि जेपी इंफ्रा घर खरीदारों की देनदारी से बच नहीं सकता। सुप्रीम कोर्ट ने जेपी इंफ्रा को 2000 करोड़ रुपये जमा कराने के लिए 27 अक्टूबर तक का वक्त दिया है और उसी दिन मामले की अगली सुनवाई होगी।
इससे पहले मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, हम कंपनी के हितों की चिंता नहीं कंपनी बंगाल की खाड़ी में डूबती है तो डूब जाए, हमें घर खरीदारों की फिक्र है। इन खरीदारों में से ज्यादातर निम्न और मध्यम वर्ग के हैं। फ्लैट खरीदारों का संरक्षण किए जाने की जरूरत है। यह हमारा कर्तव्य है और उन्हें या तो फ्लैट दिया जाना चाहिए या उनका पैसा वापस मिलना चाहिए।