राजनीति

लालू के लिए आसान नहीं है आगे की राह… फिर भी कार्यकर्ता कर रहे हैं उन पर भरोसा…

पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव बिहार के साथ-साथ देश के सबसे चतुर नेता माने जाते हैं। पर आजकल उनकी सारी चतुराई कानून की उलझनों में फंस चुकी है हालात ऐसे हैं कि उनके साथ साथ उनका पूरा परिवार एक के बाद एक मुश्किलों में घिरता जा रहा है। और कानून के शिकंजे में फसने के बाद उससे बाहर निकलने का फिलहाल कोई रास्ता भी नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में लालू प्रसाद के सामने धर्म संकट है कि वो इस मुसीबत की घड़ी में खुद को और परिवार को कैसे बचाएंगे। क्योंकि कई दशकों से विरोधियों पर आग उगलने वाले लालू आज अपने कुनबे को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जहां वह खुद चारा घोटाले मामले में पटना रांची का चक्कर लगा रहे हैं तो अपने परिवार पर आए संकट से निकलने का रास्ता देख रहे हैं। यही वजह है कि पिछले कई दिनों से वह अपने छोटे बेटे के साथ बिहार से बाहर हैं और इस मामले में कानूनी जानकारों से राय विचार ले रहे हैं। अब अगर कानून की जानकारी रखने वाले विशेषज्ञ की माने तो आने वाला समय लालू परिवार के लिए काफी कठिन होने वाला है।

आपको बताते चलें कि जहां पहले से ही लालू यादव चारा घोटाले मामले में जेल की सजा काट चुके हैं और उनके ऊपर सजायाफ्ता का मुहर लग गया है तो दूसरी तरफ उनके युवा बेटे के लिए भी आने वाले समय में मुश्किलें कम नहीं है। क्योंकि अब बेनामी संपत्ति मामले को लेकर इनकम टैक्स ईडी और सीबीआई अपना शिकंजा कसने के मूड में नजर आ रहा है अगर वह इस बार एजेंसी के सामने नहीं पेश हुए तो यह कार्रवाई भी शुरू हो जाएगी।

जहां एक तरफ लालू यादव और उनके नेताओं द्वारा लगातार उन्हें जबरदस्ती फंसाने का आरोप लगाया जा रहा है तो दूसरी तरफ बीजेपी और जदयू पहले से और भी हमलावर हो चुकी है। जहां बीजेपी के वरिष्ठ नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के द्वारा लगातार अभियान चलाकर उनके खिलाफ बेनामी संपत्ति के मामले के खुलासे किए गए थे तो जेडीयू नेता लगातार यह आरोप लगा रहे हैं कि हजारों करोड़ की संपत्ति लालू प्रसाद यादव के पास बेनामी है। तो लालू यादव और उनका परिवार लगातार पटना से दिल्ली का चक्कर लगा रहा है लेकिन इस से बचने के लिए रास्ता निकलना उनके लिए मुश्किल है।

अब ऐसे में लालू प्रसाद यादव के पास राजनीतिक करने के साथ साथ अपने परिवार और पार्टी को बचाने की भी चिंता सता रही है। जहां वह खुद चारा घोटाले मामले में सजायापता है और लगातार कोर्ट का चक्कर लगा रहे हैं तो उनका परिवार बेनामी संपत्ति मामले में आरोपी बन चुका है।ऐसे में लालू के लिए धर्मसंकट है कि वो इस मुसीबत की घड़ी में खुद को और परिवार को कैसे बचाएंगे।

तो दूसरी तरफ लालू प्रसाद यादव के इतिहास पर अगर गौर करें तो उनकी राजनीति में जो ताकत दिखती है वह किसी से छुपी हुई नहीं है पिछले कई दशक से वह अपने विरोधियों पर अपने खास अंदाज के जरिए हमलावर रहते हैं। लेकिन आज भी लालू प्रसाद यादव बुरे दौर से गुजरने के बाद भी हार नहीं माने हैं और विपक्षियों पर लगातार हमला कर रहे हैं। राजनीतिक जानकारो  कि अगर माने तो लालू यादव के लिए यह राजनीतिक संकट जरूर है पर उनके करीबी और नेताओं को अभी भी लालू पर भरोसा है क्योंकि ऐसा मौका पहली बार नहीं आया है जब लालू यादव कानूनी शिकंजा में घिरे हो। उनके पार्टी के नेता और परिवार के लोगों को संघर्ष करने का रास्ता पता है क्योंकि जब वह चारा घोटाले मामले में जेल गए थे तभी भी उनके परिवार और पार्टी के लोगो ने संघर्ष किया था। लेकिन तब और अब मैं काफी अंतर है जहां पहले चारा घोटाला मामले में सिर्फ लालू यादव आरोपी बने थे और जेल गए थे तो आज बेनामी संपत्ति मामले में पूरा लालू परिवार आरोपी है और उनका राजनीतिक कैरियर भी दाव पर लगा चुका है। तो दूसरी तरफ विरोधी पार्टी के नेता यह उम्मीद लगाए बैठे हैं कि जल्द लालू की पार्टी बिखरे और लालू के परेशानियों से विरोधी में खुशहाली आए।लेकिन लालू प्रसाद यादव के पास एक लंबा अनुभव भी है वह पहले भी कई संकटों से निपट चुके हैं ।

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