मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को राजधानी स्थित गांधी मैदान के समीप नवनिर्मित बापू सभागार से बाल विवाह व दहेज विरोधी महाअभियान का आरंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि संपूर्ण बिहार को बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों से मुक्त कराएंगे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने लोगों को यह शपथ भी दिलायी कि बिहार को बाल विवाह और दहेज प्रथा से मुक्त कराने की प्रतिज्ञा लें। मुख्यमंत्री ने यह ऐलान किया कि अगले वर्ष 21 जनवरी को बाल विवाह और दहेज विरोधी अभियान के समर्थन में पूरे प्रदेश में मानव शृंखला का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से यह अपील की कि इस अभियान को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखें।
राजनीति अपने जगह पर है और वह होती रहेगी। यह सामाजिक अभियान है। इस अभियान में पूरी एकजुटता के साथ शामिल हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों के भरोसे उन्हें यह आत्मविश्वास है कि साल भर के अंदर बिहार इस अभियान के बूते बाल विवाह और दहेज के मामले में गिरावट आएगी और बिहार की तस्वीर बदलेगी। समाज से जब तक इस तरह की कुरीतियों को दूर नहीं किया जा सकेगा तब तक विकास का कोई मतलब नहीं। ऐसे विकास का लाभ समाज के सभी लोगों को नहीं मिलता। उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि इस अभियान के वे साझेदार बनें। सभी का सहयोग मिलेगा तो इसमें कामयाबी मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी का संकल्प है कि राष्ट्रपिता के विचार को जन-जन तक पहुंचाएंगे।
बापू के विचारों के प्रति प्रतिबद्धता है। अप्रैल 2016 में बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू की गयी। इससे समाज में सौहार्द बना है और घरेलू हिंसा में कमी आयी है।शराबबंदी से बिहार में सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद पड़ी। हमें काफी आगे जाना है। सीएम ने कहा कि बिहार में बाल विवाह का आंकड़ा 39 प्रतिशत है। यह मामूली कुरीति नहीं है। बाल विवाह पर रोक से कई तरह की समस्याएं खत्म होंगी। दहेज प्रथा की कुरीति के चलते भी बाल विवाह है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़े के अनुसार महिलाओं पर अपराध के मामले में बिहार 26 वें नंबर पर है जबकि दहेज उत्पीड़न से जुड़ी घटनाओं में बिहार यूपी के बाद दूसरे नंबर पर है। दहेज प्रथा खत्म हो जाएगी तो महिलाओं के खिलाफ अपराध में बिहार काफी नीचे चला जाएगा। समाज में बड़ा परिवर्तन हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ कानून काफी पहले से है। इसका हम मुस्तैदी से अनुपालन तो कराएंगे ही साथ ही साथ यह जरूरी है कि लोगों की जनभावना साथ हो।