बगहा/ संवाददाता।
गंडक पार के चारों प्रखण्ड में अवैध रूप से बिना डिग्री संचालित हो रहे अस्पतालों और मेडिकल स्टोर से मरिजों के साथ-साथ आम नागरिकों को भी काफी परेसानी उठानी पड़ती है झोला छाप डाक्टरों के द्वौरा प्रसव और अन्य चिकित्सकीय कार्य जोरों पर किया जा रहा है जिससे कई मरिजों की जान पर बन आती है लेकिन अस्पताल प्रसासन मूकदर्शक बन कर चुप-चाप सब देख रहा है धनहा और बासी तक ऐसे पचासों डाक्टर है जो मरिजों की जान से खेलते
हैं कुछ तो पी एच सी के कर्मचारी भी है जैसे तम्कुहवा में एक आशा ही चलाती है।
शिवम रोग निदान केंद्र जहां प्रसव के साथ साथ् आॅपरेशन भी होता है । वहां आशा व एक एएनएम है वह बिहार और यूपी के बार्डर पर अपना गोरखधंधा चलाती है इनके साथ एक ए एन एम और भी है जो यूपी के खिरिकीया मे अपना नर्सिंग होम चलाती है सभी लोगों की सैकड़ों शिकायत कई बार पूर्व पि एच सी प्रभारी और तत्कालीन प्रभारी से की जा चुकी है लेकीन कोई भी नतिजा नहीं निकल सका है इन सभी झोलाछाप डाक्टरों को किसी पदाधिकारी से को डर नहीं है इन सभी लोगों पर एक कहावत एक दम सटिक बैठती है अंधेर नगरी चौपट राजा टके सेर भाजी टके सेर खाजा, और तो और यह लोग मरिजों के परिजनों को यह भी विश्वास दिलाते है की यहा पर सब काम सरकारी हो रहा है यहां बता दें कि सरकार के द्वारा चलाए जा रहे प्राथमिक सवास्थ केंद्रो पर अच्छी सुविधा उपल्बध नहीं होने से और जिला मुख्यालय की दूरी 60-70 किमी होने के चलते किसी पदाधिकारी का भी आना जाना कम ही होता है ऐसे मरिजों के प्राण की रक्षा भगवान भरोसे ही होती है ।
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