मुजफ्फरपुर/ संवाददाता।
इरादे जब मजबूत हो और मन में हौसला व जुनून हो तो मंजिल खुद मिल जाती है। चट्टानों को तोड़ते हुए रास्ता खुद बढ़ता ही जाता है। बस जरूरत है कड़ी मेहनत व लगन की। कुछ ऐसा ही कर रही है मैदापुर की आशा, जो अपने हुनर और ज्ञान का परिचय सोनिया गांधी से लेकर सीएम नीतीश कुमार को भी प्रशिक्षण दे चुकी है। इतना ही नहीं, आइएएस को भी स्वयं सहायता समूहों के जरिए महिलाओं के विकास पर चार दिवसीय प्रशिक्षण दे चुकी है। आइएएस को प्रशिक्षण देने के लिए जीविका के माध्यम से चयनित कर मसूरी भेजा गया था।
राजस्थान, झारखंड, यूपी सहित कई राज्यों व प्रदेश के कई जिलों में महिलाओं को प्रशिक्षण देकर जीविका से जुड़ने को प्रेरित कर रही हैं। बताया कि गरीबी के कारण उसके पिता ने उसे नहीं पढ़ाया और उसकी शादी कर दी। जब वह अपने ससुराल मैदापुर गांव पहुंची तो यहां की हालत देख वह परेशान हो उठी। परिवार साहूकार के कर्ज में डूबता जा रहा था। आशा ने बताया कि आंध्रप्रदेश से कुछ दीदी आई जिन्होंने उसे समूह से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। 2007 में समूह से जुड़कर रोजगार शुरू की।
गो-पालन, किराना दुकान सहित अन्य कायरें को बढ़ाया और साहूकार के कर्ज से मुक्ति पाकर अपने जीवन को बेहतर बनाया। बच्ची की शादी की। इतना ही नहीं दो सौ जगहों पर प्रशिक्षण देकर हजारों महिलाओं को समूह से जोड़ आत्मनिर्भर बनने को प्रेरित किया। राजस्थान में चार बार समूह व तीन बार ग्राम संगठन को लेकर प्रशिक्षण दिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जीविका के काम व महिलाओं को रोजगार मुहैया कराने का प्रशिक्षण दिया। आज भी विभिन्न जिलों में प्रशिक्षण देकर महिलाओं को रोजगार से जोड़ने का काम कर रही। जीविका में आने के बाद हस्ताक्षर करना सीखा। बाद में मेरे बच्चों ने मुझे पढ़ना- लिखना सिखाया।