रांची/ एजेंसी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के झारखंड प्रवास के बाद के हालात कुछ सांसदों के लिए बेहतर संकेत नहीं दे रहे। खासकर उम्रदराज सांसदों और उनके लिए जिनका परफॉरमेंस बेहतर नहीं है। कुछ सांसदों को इसके संकेत भी मिल गए हैं और बेहतर काम करने की ताकीद भी कर दी गई है तो कुछ के बदले विकल्प की तलाश जारी है। शुरूआत उम्रदराज प्रतिनिधियों से होगी। कोई नाम नहीं ले रहा लेकिन इसमें तय है कि दो नाम दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल से ही हैं। दोनों की उम्र 80 के करीब है।
अगले चुनाव तक उम्र में दो साल और जोड़ लीजिए। इसके साथ ही तीसरा नाम उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के एक सांसद का है। तीनों सांसदों के स्वास्थ्य को भी कारण बताया जा रहा है। भाजपा ने अगले चुनाव के लिए रणनीतिक तैयारी की शुरूआत अमित शाह की यात्रा के साथ दिखने लगी है। पार्टी किसी भी हाल में पिछले रिकॉर्ड से बेहतर करने के दबाव में है। झारखंड की 14 सीटों में से 12 सीटों पर काबिज भाजपा के लिए बेहतर और मजबूत विकल्पों की लगातार तलाश जारी है। ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती उम्रदराज सांसदों के सामने है।
पिछले दिनों अमित शाह के कार्यक्रम में मंच पर जो सांसद नहीं दिखे उनके बारे में तो चारों ओर चर्चा होने लगी है। 70 से अधिक उम्र के दो सांसदों का नाम इसके बाद की सूची में है। उनके स्वास्थ्य को लेकर भी पार्टी में अटकलें लगाई जा रही हैं। बड़ी बात यह है कि ये तीनों नाम अपने-अपने इलाके की मजबूत कड़ी हैं और विकट परिस्थितियों में भी इन्होंने भाजपा को जीत दिलाई है। ऐसे में पार्टी के कुछ सूत्र बताते हैं कि विकल्प तलाशने से पहले इन्हें विश्वास में लेने की कवायद भी होगी। हो सकता है अगला उम्मीदवार इनकी पसंद से चुना जाए।
काम के आधार पर जिन सांसदों पर निगरानी रखी जा रही है उनमें उत्तरी छोटानागपुर के एक सांसद सबसे आगे चल रहे हैं। उनके क्षेत्र से लगातार शिकायतें पार्टी मुख्यालय तक पहुंची है। सोमवार को भी नई दिल्ली में भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में भी परफारमेंस की बात उठाकर एक बार फिर केंद्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सांसदों को सतर्क किया। इन तमाम गतिविधियों के बीच वे लोग अधिक सक्रिय हो गए हैं, जो खुद को विकल्प की तौर पर प्रस्तुत करना चाह रहे हैं। टिकट के लिए विभिन्न स्तरों पर पेशबंदी शुरू हो गई है।
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