नारी सुरक्षा, नारी सशक्तिकरण की देश में बहुत दुहाई दी जाती हैं, लेकिन बिहार की एक बेटी के साथ जो हुआ वो नारी सुरक्षा के तमाम नारों पर तमाचा है. दसवीं में पढ़ने वाली इस लड़की को गांव के ही दो लोगों ने नौकरी का झांसा देकर अगवा कर लिया और बेच दिया. बीते 20 महीने में लड़की को देश में अलग अलग जगहों पर कम से कम पांच बार बेचा गया. रोहतास पुलिस ने लड़की को उत्तर प्रदेश के बदायूं से बरामद कर उसके घरवालों को सौंप दिया है. लेकिन अब भी इस लड़की और उसके परिवार को खौफ के साये में रहना पड़ रहा है.
जिन्होंने इस लड़की को अगवा किया था, उन्हीं की ओर से धमकियां दी जा रही हैं. रोहतास जिले के अमझोर थाना के तहत सरैया गांव की रहने वाली लड़की के सिर से पिता का साया बचपन से ही उठ गया था. लड़की की मां ने बड़ी मुश्किलों से उसकी परवरिश की. साथ ही उसे पढ़ने के लिए स्कूल भी भेजा. 27 दिसंबर 2015 को गांव के ही रहने वाले अब्दुल कुरैशी और उसके भांजे अख्तर कुरैशी ने लड़की को नौकरी दिलाने के नाम पर डिहरी बुलाया. लड़की अब्दुल कुरैशी को चाचा कह कर बुलाती थी. लेकिन अब्दुल कुरैशी ने चाचा के रिश्ते को कलंकित करते हुए लड़की को गया में किसी को बेच दिया. गया में कुछ दिन रखने के बाद लड़की को फिर पटना में कान्ता नाम की महिला के हवाले कर दिया गया. लड़की को जबरन देह व्यापार के दलदल में धकेलने के लिए उस पर कई अत्याचार किए गए. उसे खाना तक नहीं दिया जाता.
लड़की को कुछ अर्से बाद कान्ता ने दिल्ली ले जाकर बेच दिया. जुल्म का सिलसिला यहीं नहीं थमा. फिर उसे उत्तर प्रदेश के बदायूं में बेच दिया गया. वहां लड़की से मजदूरों की तरह काम लिया जाने लगा. लड़की को बदायूं में आखिरकार एक दिन मौका मिल गया और उसने किसी के फोन से अपने घर पर बदायूं में होने की जानकारी दी. रोहतास पुलिस ने एक टीम गठित कर लड़की को लाने के लिए बदायूं भेजी. 5 अगस्त को रोहतास पुलिस ने लड़की को बदायूं के थाना फैजगंज के तहत सराय महौरी गांव से छुड़ा लिया. लड़की बेशक अपनी मां के पास पहुंच गई है लेकिन उसकी परेशानी का अंत अब भी नहीं हुआ है. गांव से लड़की को अगवा कर बेचने वाले अब्दुल कुरैशी और अख्तर कुरैशी फरार हैं.
लेकिन उनके करीबियों की ओर से लड़की और उसके घरवालों को धमकियां दी जा रही हैं. उन पर केस वापस लेने के लिए दबाव डाला जा रहा है. घर मे घुस कर मारपीट भी की जा चुकी है. पुलिस की ओर से आरोपियों की तलाश में कई जगह छापामारी किए जाने की बात की जा रही है. उधर, अमझोर के थानाध्यक्ष बेंकटेश ओझा ने बताया कि पीड़ित लड़की के परिजनों ने उसके अपहरण की शिकायत दर्ज कराई थी. जांच के दौरान लड़की को यूपी के बदायूं से बरामद किया गया है. बता दें कि नक्सल प्रभावित इलाके से लगातार लडकियां गायब होने की सूचना मिलते रहती है. ऐसे मे ये आशंका है कि कहीं मानव तस्करी का कोई बड़ा गिरोह तो सक्रिय नहीं है? बहरहाल, 20 महीने तक नर्क देखने वाली लड़की को सुरक्षा के साथ इंसाफ का इंतजार है. देखना है कि बिहार में सुशासन की सरकार के कानों तक कब इस लड़की की गुहार पहुंचती है.