तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के दस महीने बाद भी उनके निधन की वजह को लेकर अलग-अलग तरह की आशंकाएं हैं। ताजा मामले में उन्हीं की पार्टी AIADMK के नेता ने जयललिता की मौत पर संशय जताया है। मंत्री डिंडीगुल श्रीनिवासन ने कहा कि अम्मा की सेहत को लेकर झूठ बोलने के लिए उन पर दवाब डाला गया था।
जयललिता को बुखार और डिहाइड्रेशन के बाद पिछले 22 सितंबर को चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में भर्ती होने के दौरान पार्टी के प्रवक्ता की ओर से लगातार यह कहा गया कि वह स्वस्थ हैं और भोजन ले रही हैं, लेकिन तब जयललिता की कोई तस्वीर जारी नहीं की गई थी।
अस्पताल की ओर से भी जयललिता की सेहत को लेकर काफी कम मेडिकल बुलिटिन जारी किए गए। उसमें बताया गया कि वह होश में हैं. इसके साथ की एक सरकारी रिलीज में यह दावा किया गया था कि जयललिता ने कावेरी विवाद पर बैठक भी की थी।
अब अपनी पार्टी के पिछले बयानों को ही नकारते हुए डिंडीगुल श्रीनिवासन अस्पताल और सरकार के पक्ष को खारिज कर रहे हैं। श्रीनिवासन के इस बयान पर टीटीवी दिनाकरन ने कहा, ‘मेरी आंटी शशिकला भी एक अक्टूबर के बाद अम्मा से नहीं मिल सकीं और ना ही उनकी सेहत जान सकीं. दिनाकरन ने कहा कि यह मंत्री सत्ता और पैसे के लिए अपनी बातों से पलट रहे हैं।’
दिनाकरन के दावे ने सबको चौंका दिया है, क्योंकि एक अक्टूबर के बाद पार्टी की वरिष्ठ नेता वालारामती ने कहा था, ”जयललिता स्वस्थ हैं और अपनी सरकारी ड्यूटी कर रही हैं।” उसके बाद अस्पताल की ओर से बताया गया कि जयललिता को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। यही नहीं 13 नवंबर को जयललिता की ओर से एक पत्र जारी किया गया, जिसमें उन्होंने पार्टी कैडर को संबोधित करते हुए लिखा था कि जनता के प्यार की वजह से उनका पुनर्जन्म हुआ है।
पिछले साल 4 दिसंबर को जयललिता को दिल का दौरा पड़ा और अगले दिन अस्पताल में ही उनकी मौत हो गई थी। मौत के बाद अपोलो ने कहा था कि उनका इलाज सही दिशा में किया जा रहा था, लेकिन अब जब पार्टी दो खेमों में बंट चुकी है तो जयललिता की मौत को लेकर अलग अलग दावे किए जा रहे हैं, लेकिन हकीकत अब तक नहीं साफ हो पाया है।