देश में शौचालय बनाने का अभियान चल रहा है, लेकिन बिहार के औरंगाबाद में शौचालय बंद होने की वजह से एक बच्चे की मौत हो गई। दरअसल एक छात्र को स्कूल में बंद पड़े शौचालय की वजह से खुले में शौच जाना पड़ा, जहां खेत में बिजली के तार गिरे होने की वजह से करंट लगा और उसकी मौत हो गई। इस मामले में स्कूल की लापरवाही सामने आ रही है और सवाल उठ रहे हैं कि स्कूल में शौचालय होते हुए भी उसमें ताला बंद रखा जाता है।
बता दें कि शौचालय बनवाने को लेकर बिहार देश में सबसे नीचले पायदान पर है। देश में 192 जिले ओडीएफ (खुले से शौच मुक्त) है जिसमें से एक भी जिला बिहार का नहीं है। बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों 32.5 फीसदी ही इस पर काम हुआ है, जो राष्ट्रीय औसत से आधा है। राष्ट्रीय स्तर पर शौचालय व स्वच्छता पर 67 फीसदी काम हो चूका है।
बिहार सरकार ने 2018 दिसंबर तक प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। अभी बिहार में प्रतिदिन 9 हजार शौचालय बन रहें है लेकिन लक्ष्य की प्राप्ति तभी होगी जब प्रतिदिन 25 हजार शौचालय बनेंगे। औरंगाबाद की ये घटना इस बात का उदाहरण है कि शौचालय होते हुए भी खुले में शौच की वजह से एक बच्चे की जान चली गई। सरकार को शौचालय बनाने के साथ साथ इसके इस्तेमाल के लिए भी लोगों को जागरूक बनाने की जरूरत है।