ई दिल्ली । वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को बताया कि देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था लागू होने के शुरुआती चरण की तुलना में अब उम्मीद से ज्यादा सरलता से काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र और राज्यों के बीच निर्णय लेने वाली प्रणाली को समझदारी से संस्थागत बनाया है। साथ ही जो प्रणाली रोजमर्रा के मुद्दों को देखती है उसे काफा मजबूत बनाया गया है। यह फिलहाल जीएसटी व्यवस्था के लागू होने के शुरुआती दिन हैं। ऐसा लग रहा है कि यह उम्मीद से ज्यादा सरलता से चल रहा है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह बात इंडियन बैंक एसोसिएशन की 70वीं जनरल मीटिंग के दौरान कही है। उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी के दायरे में आने वाले लोगों की संख्या में आने वाले दिनों में तेजी देखने को मिल सकती है। गौरतलब है कि देशभर में एक जुलाई को जीएसटी व्यवस्था लागू की गई है। यह अर्थव्यवस्था को एक समान कर व्यवस्था के तहत लाता है। अप्रैल से जून के दौरान देश की जीडीपी 5.7 फीसद के स्तर पर रही। यह मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद का तीन वर्षों का निचला स्तर रहा है। साथ इस पर देश में लागू नोटबंदी और एक जुलाई से जीएसटी कर व्यवस्था लागू होने का असर देखने को मिला है।
हाल ही में अरुण जेटली ने जीडीपी के कमजोर आंकड़ों के पीछे जीएसटी लागू होने से पहले की गई डी-स्टॉकिंग वजह बताई है। साथ ही बताया है कि उन्हें उम्मीद है कि देश की अर्थव्यवस्था 7 फीसद की दर से बढ़ेगी। नोटबंदी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह एक सोचा समझा कदम था। इसका उदेश्य भारतीयों के खर्च करनी की आदत को बदलना था, जो कि मुख्य रूप से नकदी पर निर्भर रहती थी।