इस साल जनवरी में जब संजय लीला भंसाली जयपुर के जयगढ़ फोर्ट में अपनी आने वाली फिल्म ‘पद्मावती’ के सेट पर बैठे थे तब करणी सेना के कुछ लोग वहां पहुंचे और उनसे हाथा-पाई की। उसके बाद सेट तोड़ दिया। फिर बड़ा विवाद पैदा करने की कोशिश की गई। हिंसा करने वालों का कहना था कि फिल्म में राजपूतों का चित्रण गलत किया जा रहा है। उनके मुताबिक अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मिनी के बीच रोमांटिक सीन फिल्माया जा रहा है। उन्हें अंदेशा था कि पद्मिनी की गरिमा से छेड़छाड़ होगी।
इस मसले पर ‘द लल्लनटॉप’ ने कई खबरें करते हुए हिंसा के रास्ते और आर्टिस्ट की रचनात्मकता को दबाने की इस कोशिश की कड़ी आलोचना की थी। हमने तब भी कहा था कि हिंसा करने वाले समूह के पास इसका कोई साक्ष्य नहीं है कि फिल्म में पद्मावती के कैरेक्टर का खिलजी से रिश्ता दिखाया जाएगा। खुद भंसाली ने भी अपने बयान में कहा था कि वे कभी भी पद्मावती के पात्र की grace घटने नहीं देंगे।
अब वाकई ऐसा लगता भी है कि इस फिल्म का बहुत गलत अर्थ विरोधियों ने लगाया। अब लगता है कि भारी विरोध करने वाले समुदाय के लोग ही शायद फिल्म को सबसे ज्यादा देखेंगे और संतुष्ट होकर सिनेमाघरों से निकलेंगे।
इसके दो कारण हैं.
1) मुंबई की फिल्म सिटी में कुछ अरसा पहले ‘पद्मावती’ की शूटिंग चल रही थी। तब पिंकविला की एक ख़बर में बताया गया था कि डायरेक्टर भंसाली ने दीपिका पादुकोण के साथ फिल्म का क्लाइमैक्स शूट किया। उसमें 300 जूनियर आर्टिस्ट्स ने हिस्सा लिया। फिल्म में रानी पद्मावती की भूमिका कर रही दीपिका ने कड़ी सुरक्षा के बीच बेहद भावनात्मक ‘जौहर’ का सीन फिल्माया।
अगर फिल्म में ‘जौहर’ करने का सीन फिल्माया गया था, तो इससे प्रोजेक्ट की कहानी साफ हो जाती है कि रणवीर सिंह इसमें अलाउद्दीन खिलजी के नेगेटिव रोल में ही हैं, न कि पॉजिटिव-रोमैंटिक-हीरो वाले रोल में। इसमें शाहिद कपूर रानी पद्मिनी के पति के रोल में हैं जो अंत में खिलजी के साथ युद्ध में लड़ते हैं और मारे जाते हैं। ये सीन 8 जून से मुंबई में फिल्माया जाना था जब रणवीर लंदन से लौटकर आने वाले थे।
जौहर का सीन शूट होने के बाद ये भी स्पष्ट है कि दीपिका का खिलजी के साथ कोई रोमैंटिक सीन नहीं है जिसे जयपुर में शूट करने का दावा करणी सेना ने किया था। क्योंकि भंसाली की कहानी में रानी पद्मिनी आक्रमणकारी के हमले के बाद अपना सतीत्व बचाने के लिए बाकी महिलाओं के साथ खुद को आग के हवाले कर देती है।
हमने इस विषय पर जितनी भी खबरें की थीं उन पर राजपूत समुदाय के ज्यादातर कमेंट आक्रामक, abusive थे। ज्यादातर ने जौहर और सती प्रथा जैसी पुरानी रस्मों को अपना गौरव बताया था। जाहिर है एक फिल्ममेकर अपने दर्शकों की दाद के लिए सबकुछ करता है। ज्यादातर कमर्शियल फिल्ममेकर चौराहे के बीच अपराधी को भीड़ के हाथों मरता इसीलिए दिखाते हैं क्योंकि दर्शक तुष्ट होते हैं, फिर भले ही वो काम कितना ही अमानवीय और गैर-कानूनी क्यों न हो!
2) ‘पद्मावती’ का फर्स्ट लुक दिखाने के लिए आज यानी 21 सितंबर का दिन चुना गया है जब नवरात्रे शुरू हो रहे हैं। वो दिन जब देवी की स्थापना की जाती है। ये भी संकेत करता है कि इस फिल्म की कहानी में पद्मावती का किरदार मज़बूत और बुराई का नाश करने वाला होगा। फर्स्ट लुक को लेकर भंसाली ने कहा कि “मैं पद्मावती की कहानी बड़े परदे पर लाते हुए बहुत खुश हूं। ये तारीख हमारे लिए बहुत सही बैठ रही थी जब हम फिल्म का फर्स्ट लुक भी लॉन्च कर दें और इस शुभ मौके को सेलिब्रेट करें।”
ये दोनों कारण अगर सच साबित हुए तो जिस राजस्थान में भंसाली को पीटा गया, वहां पर पीटने वाले ही 17 नवंबर 2017 को ‘पद्मावती’ को सुपरहिट करवाएंगे।