ताज़ा मिसाइल परीक्षण के बाद यूरोप में उत्तर कोरिया के सांस्कृतिक संबंधों के विशेष प्रतिनिधि एलेग्जेंड्रो काओ डि बेनो ने कहा कि किसी भी हमले की सूरत में उनका देश अमरीका पर हाइड्रोजन बम गिराने को तैयार है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी चेतावनी दे डाली कि उत्तर कोरिया आज की तारीख़ में अमरीका के किसी भी शहर को निशाना बनाने में सक्षम है।
एलेग्जेंड्रो काओ डि बेनो किम जोंग के सबसे करीबी लोगों में से माने जाते हैं। परीक्षण के बाद दो हफ़्ते से भी कम समय में उत्तर कोरिया ने जापान की ओर एक और मिसाइल दागी है, जिसके बाद इस क्षेत्र में चल रहा तनाव और बढ़ गया है।
उ. कोरिया ने जापान की ओर फिर दागी मिसाइल 69 साल का उत्तर कोरिया और 85 साल की सेना ? “दुनिया को अपनी क्षमता दिखा दी”
एलेग्जेंड्रो काओ डि बेनो ने बीबीसी रेडियो फ़ाइव से कहा, “अमरीका के सभी वैज्ञानिकों को यह पता चल गया होगा कि हमने जो मिसाइल चलाई है वो कम ऊंचाई के बावजूद लंबी दूरी तय कर सकती है। इसे हम चार हज़ार किलोमीटर तक भेज कर सकते हैं। यानी अब हम अमरीका के लगभग किसी भी शहर तक पहुंच सकते हैं।” उन्होंने कहा, “इसके अलावा हमने कई परमाणु परीक्षण भी किए हैं। यह हमारी परमाणु क्षमताएं दिखाती हैं। दुनिया को अब हमारी तकनीकी और वैज्ञानिक क्षमताओं का पता चल गया है।”
उत्तर कोरिया की मिसाइल से डरना ज़रूरी क्यों ? “डोनल्ड ट्रंप का खेल ख़त्म”
उत्तर कोरिया की सेना ने कहा, “मिसाइल ने 770 किलोमीटर की ऊंचाई हासिल की और होकाइडो के समंदर की ओर करीब 3,700 किलोमीटर की दूरी तय की।” काउ डि बेनो ने कहा, “डोनल्ड ट्रंप यह जानते हैं कि खेल ख़त्म हो चुका है, लेकिन दुनिया के सामने टीवी पर अपनी मज़बूती जताते हुए यह ढोंग करते हैं कि वो अमरीका को फ़िर से महान बनाने का प्रयास कर रहे हैं, दूसरी तरफ़ किसी भी गंभीर स्थिति से बचने और शुरुआती सहमति बनाने को लेकर हमारी पहले से बातचीत चल रही है।”
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उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमरीका लगातार चेतावनी दे रहा है। हालांकि उत्तर कोरिया पर इसका ख़ास असर नहीं दिख रहा है। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र में अमरीकी राजदूत निकी हेली ने कहा कि अगर कड़ी आर्थिक पाबंदियां कारगर नहीं होती हैं तो वॉशिंगटन के पास सैन्य कार्रवाई के और विकल्प भी मौजूद हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक
गुरुवार को उत्तर कोरिया के जापान की ओर अपनी अब तक की सबसे लंबी दूरी की मिसाइल का परीक्षण करने के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आपात बैठक बुलाई और प्योंगयांग से इस तरह की कार्रवाई को तत्काल रोकने को कहा। मिसाइल परीक्षण के तुरंत बाद तीखे बयानों के बाद, अमरीका, चीन और रूस इस मुद्दे पर साथ नज़र आए। बयान में सदस्य देशों से प्रतिबंधों को कड़ाई से लागू करने को कहा गया है
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बैठक से पहले अमरीका, चीन और रूस के बीच इस मुद्दे पर तब विवाद पैदा हो गया था जब अमरीका ने इसकी सारी ज़िम्मेदारी रूस और चीन पर डाल दी थी। हालांकि इस मिसाइल परीक्षण के बाद संयुक्त राष्ट्र में रूसी राजदूत वैसिली नेबेंज़िया ने कहा कि कूटनीति ही इस संकट का एकमात्र रास्ता है। उत्तर कोरिया के शुरुआती मिसाइल परीक्षणों के बाद सुरक्षा परिषद ने उस पर लगे प्रतिबंधों को और कड़ा करने का फैसला किया था। लेकिन इस परीक्षण के बाद आए ताज़ा बयान में पाबंदियों को बढ़ाने का कोई ज़िक्र नहीं किया गया है।